कोरोना महामारी से निपटने के लिए केन्द्र सरकार ने राज्यों के लिए टीकाकरण अभियान को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. इसमें बताया गया है कि किसको और कैसे वैक्सीन दी जाएगी. टीकाकरण के लिए बनाए गए हर केंद्र पर रोज एक सत्र में 100-200 लोगों को टीके लगाए जाएंगे और 30 मिनट तक उन्हें निगरानी में भी रखा जाएगा.
दिशानिर्देशों के मुताबिक सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर 30 करोड़ लोगों को टीका लगाने की तैयारी है. इनमें कोरोना मरीजों के इलाज और देखभाल से जुड़े डॉक्टर, नर्स, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोग शामिल हैं. इसके अलावा इस समूह में 50 साल से कम उम्र के ऐसे लोगों को भी रखा गया है, जो पहले से किसी न किसी गंभीर रोग से ग्रस्त हैं. टीका उपलब्ध होने पर बाकी लोगों को टीका लगाया जाएगा.
हर सत्र में रोज सिर्फ 100 लोगों को ही वैक्सीन टीकाकरण के हर सत्र में रोज सिर्फ 100 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी. ये लोग पहले से ही रजिस्टर्ड होंगे. मौके पर रजिस्ट्रेशन कराने की कोई व्यवस्था नहीं होगी. रजिस्ट्रेशन के लिए मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन के दस्तावेज समेत 12 दस्तावेजों में से कोई एक जरूरी होगा. जिस केंद्र पर लोगों के प्रतीक्षा और टीका लगाने के बाद उन पर निगरानी रखने के लिए अतिरिक्त स्थान की व्यवस्था होगी, वहां एक और टीम लगाकर रोज 200 लोगों को टीका लगाया जा सकता है.
केंद्र पर पांच सदस्यीय एक टीम हर टीकाकरण केंद्र पर पांच सदस्यीय एक टीम होगी. इनमें एक टीकाकरण अधिकारी, एक अतिरिक्त अधिकारी, एक सुरक्षाकर्मी, टीका लगाने के बाद निगरानी रखने वाला एक अधिकारी शामिल होगा. इसके अलावा दो ऐसे लोग होंगे जो टीका लगाने आए लोगों की पड़ताल करेंगे. वो पहचान पत्रों की जांच कर उन्हें सत्यापित करेंगे.
इसके अलावा, भीड़ प्रबंधन, सूचना शिक्षा और संचार के लिए जिम्मेदार दो-सहायक कर्मचारी होंगे. दिशानिर्देशों के अनुसार टीका लगाने के लिए 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के नवीनतम मतदाता सूची का उपयोग किया जाएगा.