पॉपुलर वोटों के बाद अब इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग के नतीजों ने भी जो बाइडन की जीत पर आधिकारिक मुहर लगा दी है. इसी के साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आखिरी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है. 14 दिसंबर को इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग में बाइडन को 306 और ट्रंप को 232 इलेक्टर्स ने वोट दिया. अब 6 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की आधिकारिक घोषणा की जाएगी.
इस जीत के बाद प्रेजिडेंट इलेक्ट बाइडन ने कहा कि कानून, संविधान और लोगों की इच्छाशक्ति का फैसला हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र की मशाल इस देश में काफी पहले से जल रही है. लेकिन हम अब भी कुछ नहीं जानते. महामारी या फिर शक्तियों का गलत इस्तेमाल करके भी हम उस मशाल को नहीं बुझा सकते. बाइडन ने उम्मीद जताई कि अमेरिका को आने वाले सालों में शायद फिर इस तरह के लीडर्स न देखने पड़े जो कि सत्ता का दुरूपयोग करते हैं और चुनावों को प्रभावित करने के लिए लोगों को उकसाने का काम करते हैं.
गौरतलब है कि बाइडन को अमेरिकी इतिहास में अभी तक सबसे ज्यादा 8.1 करोड़ पॉपुलर वोट मिले हैं, जबकि वाइस-प्रेजिडेंट इलेक्ट कमला हैरिस ने भी 7 करोड़ वोटों के साथ नया रिकॉर्ड कायम किया है. इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग में भी कई ऐसे सीधे वोट हैं, जो सीधे ट्रंप से बाइडन की तरफ शिफ्ट हो गए हैं. ट्रंप ने देश भर में चुनाव नतीजों के खिलाफ मुकदमे दायर किये थे, लेकिन ज्यादातर जगहों पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव नतीजों को चैलेंज करने वाली उनकी याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है. बाइडन ने कहा कि अब वक्त है कि आगे बढ़ा जाए और पुराने जख्मों को भरने का काम शुरू किया जाए. लोगों ने वोट से अपनी ताकत दिखा दी है. अमेरिका के लोकतंत्र में लोगों का भरोसा बढ़ा है. चुनावों में हुई धांधली से जुड़े सभी दावे झूठे साबित हुए हैं, अब वक्त है कि आगे बढ़ा जाए, एक हुआ जाए और खुद के जख्मों पर मरहम लगाया जाए.