लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने देश में बढ़ रहे महंगाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश महंगाई से मर रहा है। एक तरफ कोरोना महामारी ने मारा तो दूसरी तरफ सरकार के रवैया ने हाय महंगाई! हाय महंगाई! हाय महंगाई!, देश में कोरोना महामारी के दौरान लाखों की तादाद में लोग बेरोजगार हो चुके हैं। देश के युवा होनहार होने के बाद भी उनके पास रोजगार नहीं है देश में एक तरफ बढ़ रही गरीबी और बेरोजगारी ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है।
दूसरी तरफ अब महंगाई की मार ने आम जनता को बर्बाद करने का काम सरकार कर रही है। देश में बढ़ रही पेट्रोल डीजल की कीमतों के कारण सरकार आम जनता के निशाने पर है। इसका जवाब वह देने के लिए बैठी है।सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल पर भारी भरकम टैक्स वसूला जा रहा है।
आरटीआई ने सरकार की पूरी पोल खोल कर रख दी
आरटीआई के मुताबिक, कोरोना महामारी की भीषण प्रकोप वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेट्रोलियम उत्पादों पर सरकार द्वारा वसूले जाने वाला टैक्स रेवेन्यू लगभग 56 फीसदी बढ़ चुका है। साल 2020-21 वित्तीय वर्ष में पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्र सरकार ने 4.51 लाख करोड़ का टैक्स रेवेन्यू आया है। पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 37,806.96 करोड़ रुपये का कस्टम्स ड्यूटी वसूली गई।वहीँ पेट्रोलियम उत्पादों के विनिर्माण पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के रूप में 4,13,735.60 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा किए गए हैं।
वर्ष 2019-20 में पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर सरकार को कस्टम्स ड्यूटी के रूप में 46,046.09 करोड़ रुपये का टैक्स मिला था। वहीँ पेट्रोलियम उत्पादों के विनिर्माण पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी की वसूली 2,42,267.63 करोड़ रुपये थी। सरकार की पोल खोल आरटीआई में हुए खुलासे के बाद सरकार की जवाबदेही तो बनती है? कमरतोड़ महंगाई से कराह रही आम जनता को जुलाई महीने के पहले ही दिन केंद्र सरकार बार बार झटका देने के बजाय गरीबों को जहर ही दे। सिंह ने कहा है कि एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये की भारी मूल्यवृद्धि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि से आम आदमी का पहले से ही कचूमर निकला हुआ है लगातार बढ़ती महंगाई ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया है।आम आदमी इस बेतहाशा बढ़ती महंगाई से त्रस्त है।