लखनऊ। गौसेवा आयोग के अधिकारियों की एक बैठक में वर्तमान समय में रासायनिक खाद की कमी पर चर्चा करते हुए आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नन्दन सिंह ने अवगत कराया कि विगत दो वर्षों से विश्व में कोरोना की बीमारी के चलते प्रत्येक क्षेत्र में उत्पादन कम हुआ है तथा आपूर्ति श्रंखला प्रबन्धन प्रभावित हुआ है। इसी कारण वर्तमान समय में रासायनिक खाद की अस्थायी कमी दिख रही है।
इस समस्या के निराकरण हेतु प्रो. श्याम नन्दन सिंह, ने किसानों से यह अपील की है कि वे रासायनिक खाद के स्थान पर अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करें। जैविक खाद के उपयोग से आगे चलकर भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृद्धि होगी, साथ ही साथ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से उपज की लागत में कमी भी आयेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी जैविक खाद का उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है, भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ती है तथा भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम होता है। जिससे भूमि के जल स्तर में वृद्धि होती है।
आधुनिक समय में निरन्तर बढ़ती हुई जनसंख्या, पर्यावरण प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति का संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के लिए जैविक खेती की राह अत्यन्त लाभदायक है। मानव जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए नितान्त आवश्यक है कि प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित न हों, शुद्ध वातावरण रहे एवं पौष्टिक आहार मिलता रहे, इसके लिये हमें जैविक खेती की कृषि पद्धतियाँ को अपनाना होगा जो कि हमारे नैसर्गिक संसाधनों एवं मानवीय पर्यावरण को प्रदूषित किये बगैर समस्त जनमानस को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा सकेगी तथा हमें खुशहाल जीवन की राह दिखा सकेगी।