लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के तत्वावधान में पूरे प्रदेश में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसान मसीहा श्रद्वेय चौधरी चरण सिंह की 115वीं जयन्ती किसान दिवस के रूप में मनाई गई। इस अवसर पर रालोद कार्यकर्ताओं ने अपने अपने जनपदों में विचार गोष्ठियां, सभाएं, चौपाल, पंचायत आदि कार्यक्रम आयोजित कर अपने प्रिय नेता को याद किया। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय लोकदल के मुख्यालय पर चौधरी साहब की प्रतिमा के सामने सुबह 9 बजे हवन पूजन किया गया। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे के नेतृत्व में रालोद पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा चौधरी चरण सिंह अमर रहे, राष्ट्रीय लोकदल जिन्दाबाद के नारे लगाते हुये विधान सभा तक पैदल मार्च निकाला गया और विधान भवन स्थित चौधरी साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके पुष्पांजलि अर्पित की गयी।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल दुबे ने कहा कि गांव की मडईया में साधारण किसान के घर जन्म से लेकर चौधरी चरण सिंह ने गांव और गरीब की दुरूहता को करीब से जाना और समझा। यही कारण था कि अपने पूरे राजनैतिक जीवन में सारा ध्यान गांव गरीब और किसान की खुशहाली लाने के लिए समर्पित कर दिया। वे जीवन पर्यन्त किसानों, मजदूरों, बुनकरों, दलितों तथा शोषित वंचित समाज के उत्थान के लिए सोचते, लिखते और संघर्ष करते रहे। उन्हें जब भी मौका मिला इन वर्गो के लिए कानून बनाकर उनका अधिकार दिलाने का काम किया।
रालोद के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि चौधरी साहब सच्चे अर्थों में देश की ग्रामीण व्यवस्था और ग्रामवासियों की चिंता करते थे। यही कारण है कि देश में सर्वप्रथम पुनरूत्थान मंत्रालय की स्थापना चौधरी साहब के द्वारा की गयी, ताकि ग्राम और ग्रामवासियों के साथ साथ किसानों मजदूरों एवं दलितों का उत्थान हो सके। गोष्ठी में बोलते हुये रलोद नेता हाजी वसीम हैदर ने उन्हें अकलियतों का मसीहा बताया। प्रो. यज्ञदत्त शुक्ला ने कहा कि ऐसा महापुरूष कभी कभी जन्म लेते हैं। युवा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष अम्बुज पटेल ने कहा कि आज चौधरी साहब के विचारों पर चलकर ही देश और प्रदेश का उत्थान सम्भव है। आदित्य विक्रम सिंह ने कहा कि इस देश में किसानों और पिछडों और कमजोरों को सत्ता में भागीदारी दिलाने का काम चौधरी साहब ने ही किया था। विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये व्यापार प्रकोष्ठ मध्य उ.प्र. के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, ने कहा कि उनके समय में कोई व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं कर सकता था।
गोष्ठी में मनोज सिंह चैहान, रमावती तिवारी, लक्ष्मी गौतम, प्रीति श्रीवास्तव, अनिल कुमार सिंह, महबूब आलम, चद्रकांत अवस्थी, रामगोपाल सिंह चंदेल, अष्वनी सिंह, संगीता शर्मा, काजल बाजपेई, आर.पी. वर्मा, अजय मिश्रा, अनिल पटेल, सूरज सिंह, सत्रोहन लाल रावत, विजय सब्बरवाल, मनोहर लाल मौर्या, मनीष यादव, शोएब उस्मानी, विनोद सोनकर, ने भी अपने विचार व्यक्त किये और चौधरी साहब के विचारों पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर सैकड़ों पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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