छत्तीसगढ़ के चावल उपार्जन का लक्ष्य यथावत रखे जाने के साथ पैकेजिंग के लिए 3 लाख 56 हजार गठान की जरुरत को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है।
बघेल द्वारा पीयूष गोयल को लिखे गए पत्र में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन का लक्ष्य 86.5 लाख मीट्रिक टन यथावत रखने का अनुरोध किया है।
साथ ही परिणामी चावल की पैकेजिंग के लिए 3.56 लाख गठान नए जूट बैग की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से कराए जाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्र में लिखा है कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा खाद्य सचिवों की बैठक 21 अगस्त 2023 की जारी कार्यवाही विवरण में राज्य में धान के उपार्जन अनुमान 130 लाख टन के अनुसार बनने वाले परिणामी चावल की 86.5 लाख मीट्रिक टन मात्रा को घटाते हुए 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त जूट पैकेजिंग की छठवीं आपूर्ति योजना 6 सितंबर 2023 द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल उपार्जन हेतु आवश्यक नये जूट बारदानों की आपूर्ति मात्रा को कम करते हुए 3.56 लाख गठान के स्थान पर 2.45 लाख गठान किया गया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने आगे कहा है कि इस बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य शासन द्वारा धान खरीदी की सीमा 20 क्विंटल प्रति एकड़ किए जाने का उल्लेख करते हुए, जो कि विगत कई वर्षो से खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित थी, केन्द्रीय पूल में 86 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन के लक्ष्य को यथावत रखे जाने का अनुरोध किया गया था।
राज्य के कृषि विभाग द्वारा प्रथम अग्रिम अनुमान के आधार पर राज्य में बोए गये धान के रकबे 36 लाख हेक्टेयर में 136.5 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।
राज्य के कुछ एक स्थानों को छोड़कर मानसून की स्थिति धान के फसल के अनुरूप है। राज्य के सिंचित रकबे में कुछ स्थानों पर पानी की कमी के चलते नहरों के माध्यम से सिंचाई का प्रबंध भी किया गया है। उपरोक्त व्यवस्था के दृष्टिगत राज्य में धान का उत्पादन अग्रिम अनुमान से अधिक होना तय है।