गुल्लक की तरह बच्चों के सपने भी छोटे व मासूम होते है। वह बड़े जतन से इसमें रुपये पैसे जोड़ते है। भर जाने पर वह इससे कुछ खरीदते है। लेकिन महापौर संयुक्ता भाटिया के श्री राम मंदिर समर्पण निधि अभियान में रोचक प्रसंग दिखाई दे रहे है।
इसमें बच्चे अपनी गुल्लक मंदिर निर्माण हेतु समर्पित करके बहुत खुश हो रहे है। ऐसा लगता है जैसे उन्हें खिलौने या खाने पीने की वस्तु खरीदने से अधिक खुशी इस समर्पण से मिल रही है। वह भावविभोर होकर हाँथ जोड़ते है,प्रभु की प्रार्थना करते है।
छह वर्षीय बच्चे का योगदान
श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर के लिए महापौर संयुक्ता भाटिया के सामने छह वर्षीय अनय ने खिलौने के लिए इक्कठा किये 3,065 रुपये गुल्लक तोड़ राम मंदिर के लिए महापौर को सौंपे। उसने बताया कि इसकी प्रेरणा उसे अपनी दादी से मिली। महानगर के ई- पार्क में पुष्प प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर पहुँची थी संयुक्ता भाटिया।
यहीं अनय पुत्र पवन अपनी मिट्टी की गुल्लक लेकर पहुंचा और श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर निर्माण के लिए महापौर को गुल्लक समर्पित करने का अनुरोध किया। संयुक्ता भाटिया ने उससे पूछा कि पता है यह पैसा किसलिए दे रहे है, जिसपर बालक में बताया कि भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए दे रहा हूँ।
उसने बताया कि दादी ही उसे श्री रामकथा सुनाती है। जब मंदिर बन जायेगा तब मैं अपनी दादी के साथ मंदिर देखने अयोध्या जाऊंगा, और भगवान राम के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करूँगा।