लखनऊ। विद्युत अभियंता संघ और भारतीय नागरिक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जन्म जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में नेता जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उनके वीर नायकत्व का स्मरण किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन संघर्ष भरा सफर है और उनके द्वारा देश को स्वतंत्र कराने के प्रयासों को एक अमर गाथा के रूप में देखा जाना चाहिए। देश प्रेम उनके रग रग में भरा था। “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा” सुभाष चंद्र बोस की यह सिंह गर्जना आज भी प्रत्येक भारतवासी को याद है।
नेताजी अपने अंदर और बाहर के लिए शक्ति की साधना करना चाहते थे। उनकी अपनी शख्सियत के लिए भीतर की साधना जरूरी थी, इसलिए वे मानते थे पूजा का उद्देश्य है मन के भीतर की शक्ति का बोध करना। शक्ति की साधना को राष्ट्रभक्ति से जोड़ते हुए नेता जी कहा करते थे-चारों ओर गूंज रही है भारत माता के मंगल शंख की ध्वनि। यह देखो पूरब के आकाश पर भारत के भाग्यदेवता तरुण सूर्य के रूप में दिख रहे है और यह कह कर वह युवा मन को झकझोरने लगते थे।
वह जानते थे कि नई पीढ़ी को जगाए बिना कोई निर्माण नहीं हो सकता। मुख्य वक्ता शैलेंद्र दुबे ने कहा कि नेताजी की 125 वीं जन्म जयंती पर उनके सपनों के भारत का निर्माण, जिसमें दरिद्र नारायण की पूजा हो, करने में हम अपने कर्तव्य का ईमानदारी से पालन कर सकें यही नेता जी के प्रति हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी।
संगोष्ठी में भारतीय नागरिक परिषद के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री, महामंत्री रीना त्रिपाठी, वाई.एन. उपाध्याय, एन.एन. मिश्रा,निशा सिह, राघवेंद्र सिंह, राजीव श्रीवास्तव, सरोज बाला सोनी, शीला पांडेय, अतुल पांडेय, विद्युत अभियंता संघ के महामंत्री प्रभात सिंह सहित अनेक गणमान्य लोगों ने नेताजी का स्मरण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।