उत्तराखंड के चमोली जिले में एक बार फिर बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान विकास खंड मैहला की कुनेड़ पंचायत में हुआ है। यहां मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ की वजह से सड़कें टूट चुकी है और लोगों के घरों में पानी भर गया है। कई आवासीय मकान, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए हैं। पहाड़ी से भूस्खलन होने पर लोग पहले ही अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। एक व्यक्ति के अपने घर में फंसे होने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित निकाला।
अधिकारियों ने बताया कि प्ल्यूर, किलोड, कुनेड पंचायतों के दर्जनों गांव इस मूसलाधार बारिश के बाद आई बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लोनी, दलोथा, बन्नी और कुनेड गांव में जहां गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है, वहीं हाल ही में बिजी गई मक्का की फसल भी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। चम्बा भरमौर नेशनल हाईवे भी कई जगह पर अवरुद्ध हुआ है। हालांकि लोक निर्माण विभाग मार्ग बहाली में पूरी तरह से जुटा हुआ है।
गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात हुई बारिश से नदी और नालों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई जगह पर उनके घरों में पानी घुस गया है। उन्होंने कहा कि जो नाले हैं, वहां पर सरकार द्वारा अगर समय रहते क्रेट वर्क नहीं किया गया तो दोनों तरफ बसे गांव को नुकसान हो सकता है। वहीं ग्राम पंचायत प्ल्यूर के उप प्रधान मनोज ने बताया कि उनके गांव में भारी बारिश की वजह से बिजली विभाग और जल शक्ति विभाग को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिन देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं भारी बारिश और ओलावृष्टि की आशंका है। वहीं, पर्वतीय इलाकों में आकाशीय बिजली भी गिर सकती है। इसके अलावा मैदानी इलाकों में 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। मौसम केंद्र के अनुसार, उत्तराखंड में शुक्रवार तक मौसम का मिजाज बदला हुआ रहने के आसार हैं।