मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दीवाली से पहले एक और तोहफा दिया है. अब मध्य प्रदेश के अन्दर शासकीय अधिकारी-कर्मचारी एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य मान्यता प्राप्त 93 निजी चिकित्सालयों में जाँच एवं उपचार करवा सकेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शासकीय सेवकों को पूर्व में निजी चिकित्सालयों में उपचार करवाने पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं हो पाती थी. अब शासकीय अधिकारी-कर्मचारी विभिन्न बीमारियों का उपचार शासन द्वारा चिन्हित निजी चिकित्सालयों में करवा कर चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी प्राप्त कर सकेंगे.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन निजी चिकित्सालयों को शासकीय कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों के उपचार के लिए चिन्हित किया गया है, उनमें गंभीर बीमारियों में किडनी ट्रांसप्लान्ट, होमो डायलेसिस, केंसर रोग, हिप-नी-एल्बो सोल्डर आंशिक रिप्लेसमेंट, मेमोग्राफी, एमआरआई, सीटी स्केन, कोकालियर इम्पप्लान्ट हृदय रोग, हेड इन्जयूरी, न्यूरो सर्जरी, स्पाईनल सर्जरी जैसी अन्य बीमारियाँ का उपचार और जाँच करवाई जा सकेंगी. जाँच एवं उपचार के पश्चात शासकीय कर्मी अपने विभाग में चिकित्सा प्रतिपूर्ति भी ले सकेगा.
इसके साथ ही शासकीय कर्मचारी एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्य जो आपदा कोविड-19 से संक्रमित होते है. उनके इलाज के लिए मध्य प्रदेश के समस्त जिलों के अशासकीय निजी चिकित्सालय (नर्सिग होम एक्ट के तहत पंजीकृत निजी चिकित्सालय) को भी स्वीकृति दी गई है. इन अस्पतालों में उपचार के बाद चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति होगी.
शासकीय सेवक कोविड-19 इलाज के चिकित्सा देयक अपने विभाग के माध्यम से जिले के सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक मध्यप्रदेश के प्रतिहस्ताक्षर कराने के उपरांत शासकीय सेवक के संबंधित विभाग द्वारा ऐसे चिकित्सा देयकों में नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही किये जाने के आदेश भी पूर्व में जारी किये जा चुके हैं.