लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर यूपी को इलेक्ट्रिकल व्हीकल्स के क्षेत्र में लीडर बनाने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य सिर्फ ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना ही नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल कर रहे नागरिकों को सभी जरूरी स्थानों पर समुचित चार्जिंग की सुविधा भी देना है
यूपी निकाय चुनाव : अपनी ही पार्टी के खिलाफ हुए सपाई, अखिलेश यादव को भेजा ये पत्र
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा है कि चार्जिंग के लिए सरकारी संस्थाओं को जमीन 10 वर्ष के पट्टे या लीज पर दी जाएगी। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए विद्युत मंत्रालय के मानकों के अनुसार निर्धारित रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल पर किया जाएगा।
पट्टा अवधि, रेवेन्यू शेयरिंग रेट व अन्य निर्धारित मानकों को समय-समय पर संशोधित किया जाएगा। संस्थाओं का चयन टेंडर प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। उपभोक्ताओं को न्यूनतम शुल्क पर चार्जिंग की सुविधा देने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।
👉2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की कोशिशें तेज, नीतीश कुमार कई दलों के नेताओं के साथ…
इसकी जिम्मेदारी नगर विकास विभाग को दी गई है। उसने ई-चार्जिंग सुविधाओं के लिए सेवा प्रदाताओं को जरूरत के आधार पर जमीन देनी की प्रक्रिया भी तय कर दी है। पहले चरण में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (सीईएमपी) को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 17 नगर निगम वाले शहरों में लागू किया जाएगा। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के फास्ट ट्रैक डवलपमेंट के लिए कार्यकारी समूह का भी गठन कर दिया गया है।