लखनऊ। आर्मी मेडिकल कोर ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज द्वारा 09 और 10 नवंबर 2022 को लखनऊ छावनी में आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज के मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह अशोक चक्र सभागार में “कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियां” विषय पर एक सीएमई आयोजित किया गया। ओटीसी सशस्त्र बलों की एक अनूठी एक ‘ए’ श्रेणी संस्थान है जो सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के चिकित्सा अधिकारियों, दंत चिकित्सा अधिकारियों, गैर-तकनीकी अधिकारियों और नर्सिंग अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करती है।
दो दिवसीय सीएमई का उद्घाटन 09 नवंबर 2022 को लैंप लाइटिंग और सरस्वती वंदना के साथ किया गया। इस दौरान चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय मध्य कमान तथा कार्यवाहक कमांडेंट, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज और प्रभारी सेना मेडिकल कोर रिकॉर्ड्स मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह में स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो सौ से अधिक प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया जिसमें पूरे भारत से थल सेना, नौसेना और वायु सेना के डॉक्टर, नर्स और गैर-तकनीकी अधिकारी शामिल हैं।
इस सीएमई के के संकलन के रूप में इस अवसर को चिह्नित करने के लिए एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। मेजर जनरल जेपी प्रसाद, कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज, आर्मी मेडिकल कॉर्प्स सेंटर और कॉलेज ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने अपने संबोधन में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के लिए इसके निहितार्थों का पर प्रकाश डाला। उन्होंने लगातार विकसित होने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों के साथ कॉम्बैट मेडिकल केयर डायनेमिक्स की चुनौतियों और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के लिए आगे के रास्ते पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उद्घाटन भाषण लेफ्टिनेंट जनरल विवेक कश्यप, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल, चीफ ऑफ स्टाफ, मुख्यालय मध्य कमान ने दिया, जिन्होंने कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट की पर्यावरणीय चुनौतियों की गतिशीलता के साथ तालमेल रखने और इसके साथ आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने युद्ध क्षेत्र में चिकित्सा पेशेवरों की भूमिका के साथ तालमेल रखते हुए सैनिकों के जीवन को बचाने के लिए कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के क्षेत्र में प्रगति जो सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं को अद्वितीय बनाती है, पर बल दिया।
मेजर जनरल अश्विन गलागली, डिप्टी कमांडेंट और चीफ इंस्ट्रक्टर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर एंड कॉलेज ने मुख्य भाषण दिया, जिन्होंने विविध पर्यावरणीय चुनौतियों और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के लिए इसके निहितार्थ के बीच कॉम्बैट मेडिकल केयर के विकास पर चर्चा की। उन्होंने सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं की व्यावसायिक अनिवार्यताओं पर विशेष रूप से विभिन्न थिएटरों, इलाकों और जलवायु परिस्थितियों में परिचालन परिदृश्यों के मनोरम स्पेक्ट्रम में लड़ाकू चिकित्सा सहायता के क्षेत्र में जोर दिया।
09 नवंबर 2022 को सीएमई में दो वैज्ञानिक सत्र शामिल थे, जिनकी अध्यक्षता सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं के वरिष्ठ और अनुभवी डॉक्टरों ने वर्तमान और भविष्य के महत्व के विविध विषयों पर चर्चा के साथ की। सत्रों में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट चैलेंजेस: हाई एल्टीट्यूड एरिया और काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशंस, कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के लिए इंटीग्रेशन और जॉइंटमैनशिप इंप्लीकेशंस के अनुभव शामिल थे और इसके बाद ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और कॉलेज में कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के लिए प्रशिक्षण पर प्रदर्शन हुए। सीएमई के दौरान एक बहुत अच्छी तरह से सब्सक्राइब की गई वैज्ञानिक पोस्टर जिसमें कॉम्बैट मेडिकल सपोर्ट के विभिन्न पहलुओं पर देश के विभिन्न हिस्सों से प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थीं, को प्रदर्शित की गई।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी