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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर और सरसौल को मिला ब्लड स्टोरेज यूनिट लाइसेंस

गर्भवती और होने वाले बच्चे को मिलेगा लाभ।
प्रसव के दौरान खून की आवश्यकता होगी पूरी, बचेगी जान।

कानपुर। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर और सरसौल को रक्त भण्डारण केन्द्र स्थापित करने के लिए लाइसेंस मिल गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दोनों केन्द्रों पर कुछ दिन बाद से सेवा शुरू हो जाएगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के.सिंह ने बताया कि अक्सर प्रसव के दौरान खून की आवश्यकता पड़ती है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर खून की उपलब्धता नहीं होने पर केस रेफर करना पड़ता है। वर्तमान में जनपद में 11 स्वास्थ्य केन्द्र एफआरयू।(प्रथम रेफरल यूनिट) के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इनमें तीन जिला चिकित्सालय मान्यवर काशीराम संयुक्त चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय (डफरिन) और इएसआई।हॉस्पिटल और आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं। जिला पुरुष चिकित्सालय (उर्सला) और मेडिकल कॉलेज में ब्लड बैंक हैं, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसकी सुविधा नहीं है।

डॉ. एस.के.सिंह ने बताया यदि स्वास्थ्य केन्द्रों पर किसी महिला को ऑपरेशन के दौरान खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है तो उसे जिला चिकित्सालय पर रेफर किया जाता है। इस दौरान गर्भवती और होने वाले बच्चे को जान का खतरा बना रहता है। अब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर और सरसौल को ब्लड स्टोरेज यूनिट का लाइसेंस मिल चुका है। दोनों केन्द्रों को उर्सला से सम्बद्ध किया गया है, वहीं से दोनों केन्द्रों को होल ब्लड (पूर्ण रक्त) की सप्लाई होगी। इन केन्द्रों पर ब्लड स्टोरेज यूनिट बन जाने पर आवश्यकता पड़ने पर वहीं खून चढ़ाया जा सकेगा और जच्चा-बच्चा दोनों की जान बचायी जा सकेगी।

जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता हरि शंकर मिश्रा ने बताया कि कल्याणपुर और सरसौल के अलावा अन्य सामुदायिक स्वस्थ केन्दों पर भी रक्त भण्डारण के लिए कार्य किया जा रहा है। लाइसेंस की प्रक्रिया चल रही है, उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें भी राज्य स्तर से लाइसेन्स मिल जायेगा। उन्होंने बताया कि रक्त भण्डारण केन्द्रों के संचालन के लिए चिकित्साधिकारी व लैब टेक्नीशियन नियुक्त हैं, जिन केन्द्रों पर अभी नियुक्ति नहीं हुई है उनके लिए संचालन स्टाफ को प्रशिक्षित भी किया जायेगा।

हरि शंकर मिश्रा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कल्याणपुर और सरसौल में प्रति माह औसतन 250 से 300 प्रसव होते हैं। इन केन्द्रों पर रक्त भण्डारण केन्द्र शुरू होने पर आसपास के कई क्षेत्रों की गर्भवती को लाभ मिलेगा और आवश्यकता पड़ने पर इन स्वास्थ्य केन्द्रों पर खून चढ़ाया जा सकेगा जिससे माँ और बच्चे दोनों की जान बचेगी। यह रक्त भण्डारण केन्द्र मुख्यतः गर्भवती और बच्चे के लिए होंगे पर इमरजेंसी में अन्य मरीज़ को भी खून उपलब्ध कराया जा सकेगा।

  शिव प्रताप सिंह सेंगर

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