लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के टैगोर मार्ग परिसर में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से हो रहे आठ दिवसीय समकालीन मूर्तिकला शिविर के सातवें दिन सभी समकालीन मूर्तिकारों ने अपने अपने मूर्तिशिल्प को अंतिम रूप देकर शिविर को पूर्ण किया। प्रकृति विषय पर सभी कलाकार अपने भावनाओं को बखूबी पत्थर को तराश कर सुंदर सुंदर समकालीन मूर्तिशिल्प सृजित किया है।
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डॉक्युमेंटेशन टीम से रत्नप्रिया ने बताया कि आठ दिवसीय शिविर के सातवें दिन प्रत्येक कलाकार की कलाकृतियां अपने अंतिम पढ़ाव पर रही। प्रत्येक कलाकार एक अलग सी उर्जा के साथ काम कर रहा था। सोमवार को होने वाली प्रदर्शनी कलाकारों के साथ-साथ हम सभी नगर वासियों के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण है। कयोंकि वास्तुकला संकाय में शैल्य कला में होनी वाली ये पहली शिविर और प्रदर्शनी है। जिसकी महत्ता कलाकारों में दिख रहे उत्साह से मापी जा सकती है, जिसके कारण हर कलाकार अपनी मूर्तिशिल्प को एक अलग रूप देने में लगा रहा।
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कुछ कलाकारों ने अपनी मुर्तियों मे अन्य धातुओं का भी प्रयोग करके उसकी सुन्दरता को बढ़ाया, तो कुछ ने एक स्थान पर दो तरह के पत्थरो को मिश्रित कर अपनी मूर्तिशिल्प को आकर्षक बनाया। कलाकारों द्वारा किये जा रहे ये सभी प्रयोग अत्यन्त रोचक और महत्त्वपूर्ण रहे। कोऑर्डिनेटर धीरज यादव ने बताया कि वास्तुकला संकाय के जिस परिसर मे आठ दिवसीय शिविर चल रहा था उसी स्थान पर सोमवार को सभी मूर्तिशिल्पों को अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया जाएगा।
शिविर के कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि शिविर के आठवें दिन यानि 21 अक्तूबर 2024 को सायं 4 बजे वास्तुकला एवं योजना संकाय परिसर में इस शिविर का समापन, मूर्तिशिल्पों का अवलोकन और पाँच प्रदेशों से आए सभी समकालीन मूर्तिकारों को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
शिविर की क्यूरेटर व अधिष्ठाता वास्तुकला एवं योजना संकाय डॉ वंदना सहगल ने बताया कि सोमवार को इस शिविर के समापन, मूर्तिशिल्पों का अवलोकन और कलाकारों को सम्मानित करने के लिए मुख्य अतिथि प्रोफेसर जेपी पांडे (कुलपति, एकेटीयू लखनऊ), डॉ रोशन जैकब (डिविजनल कमिश्नर लखनऊ), प्रथमेश कुमार (उपाध्यक्ष, लखनऊ विकास प्राधिकरण) एवं विशिष्ट अतिथि पांडेय राजीवनयन (वरिष्ठ मूर्तिकार/अधिष्ठाता, ललित कला एवं प्रदर्शन कला संकाय, डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रिय पुनर्वास विश्वविद्यालय) उपस्थित रहेंगे।