विदेश मंत्री एस जयशंकर और कांग्रेस के बीच तनातनी जारी है। अब कांग्रेस ने विदेश मंत्री की ‘वफादारी’ पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने यह भी दावा कर दिया है कि जयशंकर एक असफल विदेश मंत्री हैं।
हाल ही में भाजपा नेता ने चीन मुद्दे को लेकर वायनाड सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस पर सवाल उठाए थे। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस भी इस मैदान में उतरती नजर आ रही है।
कांग्रेस के गोवा प्रभारी मणिकम टैगोर ने जयशंकर पर विश्वासघात करने के आरोप लगाए हैं। इधर, टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने कहा है कि पुरानी UPA सरकार में जयशंकर ने कई बड़े पदों पर वफादारी के साथ काम किया, लेकिन अब वह गांधी परिवार के खिलाफ नाराजगी दिखा रहे हैं। सांसद महुआ मोइत्रा ने भी दावा किया है कि केंद्रीय मंत्री का बेटा जॉर्ज सोरोस की तरफ से फंड किए हुए संस्थान में है।
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दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने इंदिरा गांधी के शासन को भी याद किया। उन्होंने बताया कि 1980 में वापसी के बाद तत्कालीन सरकार ने उनके पिता के सुब्रमण्यम को सचिव के पद से हटा दिया था। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में भी उनसे जूनियर व्यक्ति को तरजीह देते हुए कैबिनेट सचिव बनाया गया।
मंगलवार को एक इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने चीन पर बयानबाजी को लेकर राहुल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कांग्रेस नेता ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भेजा है। साथ ही उन्होंने 1962 को भी याद करने की सलाह कांग्रेस को दी। भाजपा नेता ने बताया कि साल 1962 में हुए युद्ध के बाद से ही पैंगोंग झील वाला इलाका अवैध रूप से चीन के कब्जे में है।