लखनऊ. 2017 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने की अटकलों के बीच लगातार लग रहे ग्रहण से कांग्रेसी खेमा काफी चिंतित दिख रहा है.शायद इसी उद्देश्य से कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर प्रतिनिधियों के एक दल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से सीटों के बंटवारे पर चर्चा की.सपा सूत्रों की माने तो वह कांग्रेस को महज 70 सीटें ही देने को तैयार है.दोनों दलों के बीच यदि आज कोई फैसला होता है तो निश्चित है कि कांग्रेस-सपा गठबंधन को हरी झंडी मिल जायेगी.
कांग्रेसियों की बढ़ी बेचैनी
गौरतलब है कि शुक्रवार को सपा द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही कांग्रेसी खेमे में बेचैनी बढ़ गई.आपको बता दें कि दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के बाद भी कांग्रेस अभी तक पहले चरण के प्रत्याशियों की घोषणा नही कर पाया है. ऐसे में कांग्रेस से चुनाव लड़ने की बाट जोह रहे प्रत्याशियों में बेचैनी बढ़ना लाज़मी है.
क्या कहते हैं आंकड़े
कांग्रेस से जीती हुई और सपा की विजयी सीटों को छोड़कर अन्य स्थान पर नंबर 2 की पोजिशन वाली सीटों की बात की जाए तो इनकी संख्या 54 है.सपा ने इसमें 16 का इजाफा करते हुए कांग्रेस को 70 सीट देने की पेशकश की है,साथ ही उसपर यह बाध्यता भी लगा दी गयी है कि कांग्रेस अपनी पसंद की सीटों की लिस्ट ना दे.सपा ने दो टूक कहा है की वह केवल उन्हीं सीटों की सूची दे जो उक्त फॉर्मूले के तहत उसके हिस्से में आ रही हैं.
नेता की दो टूक
सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि,हम कांग्रेस से गठबंधन चाहते हैं.कांग्रेस की 50-55 सीटों पर दावेदारी बनती है. लेकिन हम उसे 70-85 सीट देने को तैयार हैं.नंदा ने साफ कहा है कि सकारात्मक फैसले के लिए कांग्रेस की तरफ से राहुल या फिर प्रियंका ही बात करें.नंदा ने कहा कि कांग्रेस को 100 क्या 90 सीटी भ देना दूर की कौड़ी है.