चेन्नर्इ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीते रविवार की रात अंतरिक्ष केंद्र से ब्रिटेन के पृथ्वी अवलोकन उपग्रह नोवाएसएआर और एस 1-4 का प्रक्षेपण किया। दोनों उपग्रहों को लेकर पीएसएलवी-सी42 अंतरिक्षयान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ।
ISRO के अध्यक्ष के शिवन
इसरो का यह प्रक्षेपण सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ। वहीं इसरो के अध्यक्ष के शिवन का अपनी आगे के लाॅचिंग मिशन को लेकर कहना है कि आने वाले दिन काफी ज्यादा व्यस्तता वाले हो सकते हैं। अगले छह महीनों में उनके पास 18 मिशन होंगे।
8 लॉन्च व्हीकल अभियान शामिल
इनमें 10 उपग्रह अभियान और 8 लॉन्च व्हीकल अभियान शामिल है। इनमें जीएसएटी -11, चंद्रयान -2 चंद्रमा मिशन और जीएसएलवी-एमकेआईआईआई-डी 2 मिशन शामिल हैं। शिवन के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन आगामी जनवरी में अपने दूसरे चंद्र अभियान ‘चंद्रयान-2’ को प्रक्षेपित करने की तैयारी में है।
चंद्रयान-1 को प्रक्षेपित किया गया
‘चंद्रयान-2’ के तहत एक कृत्रिम उपग्रह और रोवर भी ले जाया जाएगा।इसे जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट के जरिये छोड़ा जाएगा। बता दें कि इसके पहले अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 को प्रक्षेपित किया गया था। इसे अगस्त 2009 तक संचालित किया गया था। इस अभियान में एक चंद्र कृत्रिम उपग्रह और एक इम्पैक्टर शामिल था। वहीं कुछ वरिष्ठ वैज्ञानिकों के मुताबिक इसरो सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हाई स्पीड बैंडविड्थ कनेक्टिविटी मुहैया कराने की कोशिश है। एेसे में ज्यादा से ज्यादा उपग्रह लॉन्च किए जाने है।