देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. रविवार को आए आंकड़ों के मुताबिक पिछले चार महीनों में पहली बार मौतों की संख्या भी 500 के आंकड़े के पार पहुंची है. देश में रविवार को 93,249 नए मामले सामने आए हैं. कोरोना की इस दूसरी लहर में सबसे अधिक 20 से 40 वर्ष की आयु वाले लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं. इसकी वजह से अब लोगों के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस उम्र के लोग सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते हैं. इसपर हेल्थ एक्सपर्ट क्या कहते हैं. आइए जानते हैं.
20 से 40 वर्ष की आयु वाले लोगों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले देखे गए हैं. क्या ये सुपर स्प्रेडर भी बन सकते हैं. ऑरेंज सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉ. अनूप मरार ने इससे जुड़ी तमाम बातें बताई हैं.
एक व्यक्ति कितने लोगों तक फैलाएगा संक्रमण
डॉ. अनूप मरार कहते हैं कि इस समय थोड़ा आत्म-अनुशासित रहने की जरूरत है. इस उम्र के लोगों को लगता है कि इन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि इनकी इम्युनिटी अच्छी है. मगर ये गलत है. एक रिसर्च कहती है कि अगर एक आदमी भी पॉजिटिव हुआ चाहे वो असिम्प्टोमैटिक ही हो, वो लगभग 400 लोगों तक वायरस फैलाएगा. इसलिए घूमना भी है तो मास्क पहनें. हाथों पर सैनिटाइजर लगाते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. केवल इसी से हम कोरोना को मात दे सकते हैं.
इन्हें माना जाता है सुपर स्प्रेडर
45 वर्ष से ऊपर के लोगों को भी अब कोरोना का टीका लगने लगा है. डॉ. अनूप बताते हैं कि 45 वर्ष से ऊपर के जो लोग हैं इन्हें हम सुपर स्प्रेडर के रूप में रखते हैं. हमें इन्हें वैक्सीनेट करना बहुत जरूरी है. क्योंकि ये हार्ड इम्युनिटी में मदद करेगा. इसलिए इन्हें टीकाकरण करवाना बेहद जरूरी है.
डॉ. अनूप मरार कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों ने यह धारणा बना ली है कि उन्हें कुछ नहीं होगा. उन्हें समझना होगा कि इससे उनके आसपास और उनके घर वालों को भी खतरा है. इसलिए लोग जरूर निर्देशों का पालन करते रहें. इसके द्वारा ही इस संक्रमण से बचा जा सकता है.