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कोरोना वैक्सीन को चाहिए -70 डिग्री तापमान, सरकार के सामने कोल्ड स्टोरेज की चुनौती

हम कोरोना वायरस के डर के साये में लगभग पूरा साल गुजार चुके हैं. ऐसे में सभी की नजरें कोरोना वैक्सीन पर टिकी हुई हैं. भारत में भी कोविड मरीजों का आंकड़ा 86 लाख को पार कर गया है. मरीजों के अलावा भी भारत सरकार के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो रही है. देश में वैक्सीन स्टोरेज की तैयारी को लेकर सिस्टम बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है.

खास बात है कि कोरोना वैक्सीन को स्टोरेज के लिए -70 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरूरत होती है. दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि वैक्सीन को इतने कम तापमान में रखना भारत में एक बड़ी चुनौती है. यह चुनौती खासकर देश के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा बड़ी है. क्योंकि इन क्षेत्रों में इतने ठंडे माहौल को तैयार करना बहुत मुश्किल है. गौरतलब है कि वैक्सीन की रेस में बढ़त हासिल कर चुकी कंपनी फाइजर (Pfizer) ने ऐलान किया है कि उनका टीका 90 फीसदी कारगर रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि देश में कोल्ड चेन को लेकर तैयारियों का आगाज हो गया है. वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी वैक्सीन स्टोरेज को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं. राहुल ने दावा किया है कि वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन में -70 तापमान चाहिए होता है और इस तरह की सुविधा देश की किसी कंपनी के पास नहीं है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोटेक के बीच इस टीके पर अभी कोई समझौता नहीं हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इसकी तैयारी में है. मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात के संकेत दे दिए हैं.

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