कोरोना वायरस (कोविड-19) से मरने वालों की संख्या पांच लाख से अधिक हो गई है। वैश्विक महामारी कुछ देशों में नये सिरे से उभर रही है जबकि अन्य क्षेत्र अभी भी महामारी से जूझ रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण होने वाली सांस की बीमारी बुजुर्गों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। हालांकि 501,000 मौतों और 10.1 मिलियन संक्रमण के मामलों में वयस्क और बच्चे भी शामिल हैं।
हाल के सप्ताहों में जहां मृत्यु की दर में गिरावट आई है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अमेरिका, भारत और ब्राजील जैसे देशों में नए मामलों की रिकॉर्ड संख्या के साथ-साथ एशिया के कुछ हिस्सों में नए सिरे से बढ़ते प्रकोप के बारे में चिंता व्यक्त की है।
1 से 27 जून तक की औसत गणना के आधार पर कोविड-19 से जुड़ी बीमारी से हर 24 घंटे में 4,700 से अधिक लोग मर रहे हैं। यह प्रति घंटे 196 लोगों या हर 18 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत के बराबर है।
आंकड़ों से पता चलता है कि अब तक हुई सभी मौतों में से लगभग एक-चौथाई अमेरिका में हुई हैं। हाल ही में अमेरिका के दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में नये मामलों की संख्या में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को 44,700 नए मामलों और 508 मौतों की सूचना दी।
लैटिन अमेरिका में मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। रविवार को दक्षिण अमेरिका में मामलों की संख्या यूरोप से अधिक हो गई और उत्तरी अमेरिका के बाद इस क्षेत्र में महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या सबसे अधिक हो गई है।
कोरोना वायरस से पहली मौत 9 जनवरी को दर्ज की गई थी। महज पांच महीनों में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या ने मलेरिया से सालाना मरने वालों की संख्या को पार कर लिया है, जो सबसे घातक संक्रामक रोगों में से एक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2018 के आंकड़ों के अनुसार एड्स से संबंधित 64,000 मौतों और मलेरिया से होने वाली 36,000 मौतों की तुलना में कोरोना वायरस की मृत्यु दर औसतन 78,000 मासिक है।