उत्तर प्रदेश की शामली की जिला अदालत ने छह साल के बेटे कार्तिकेय सिंह की गवाही पर अपने पति की हत्या के आरोप में 37 वर्षीय महिला राजेश देवी और उसके प्रेमी प्रदीप कुमार (39) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अखिलेश यादव ने राजनीतिक लड़ाई को दिया नया रंग, दलितों और पिछड़ों की लामबंदी शुरू
साथ ही 40-40 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह वारदात 12 जून, 2018 का है, जब 35 वर्षीय पीड़ित धर्मवीर सिंह को उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी की मदद से अवैध संबंध का विरोध करने पर गला घोंट कर मार डाला था।
घटना के पांच माह बाद एक नवंबर 2018 को अदालत के आदेश पर थाना गढीपुख्ता पर मृतक की पत्नी राजेश व उसके प्रेमी प्रदीप कुमार के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृतक के छह वर्षीय बेटे ने अदालत में आकर बताया था कि उसके पिता धर्मवीर की हत्या उसकी मां राजेश व प्रदीप कुमार ने की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 11 गवाह पेश किए गए।
सोमवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने व पत्रावलियों का अवलोकन करने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य ने हत्या के मामले में दोष सिद्ध पाये जाने पर मृतक धर्मवीर की पत्नी राजेश व उसके प्रेमी प्रदीप कुमार निवासीगण गांव मालैंडी को आजीवन कारावास और 40-40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
जिला शासकीय अधिवक्ता संजय चौहान ने बताया कि दो जून 2018 की रात को थाना गढ़ीपुख्ता के गांव मालैंडी में धर्मवीर की अवैध संबधों में बाधक बनने पर उसकी पत्नी राजेश और उसके प्रेमी प्रदीप कुमार ने गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को फांसी के फंदे पर घर के दरवाजे पर लटका दिया। मृतक धर्मवीर के छह वर्षीय पुत्र ने हत्या करते हुए देख लिया था। घटना के चार-पांच दिन बाद बालक ने हत्या की घटना अपने दादा ब्रहम सिंह को बताई। ब्रहमसिंह ने थाने में हत्या की तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।