रामपुर। यतीमखााना बस्ती को खाली कराने के मामले में कोर्ट ने सपा नेता आजम खां पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही उनकी ओर से दाखिल दो गवाहों को दोबारा बुलाने का प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी। शहर कोतवाली में क्षेत्र की यतीमखाना बस्ती को खाली कराने के नाम पर लूटपाट, मारपीट व डकैती के 12 मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
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यह सभी मामले बस्ती में रहने वाले लोगों ने दर्ज कराए थे। यह सभी मामले कोर्ट में विचाराधीन है। इन सभी मामलों की सुनवाई एक साथ चल रही है। शुक्रवार को सपा नेता के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने संभल में तैनात इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार वर्मा और बिजनौर के स्योहारा में तैनात उपनिरीक्षक सुरजीत सिंह को कोर्ट में गवाही के लिए दुबारा बुलाने का प्रार्थना पत्र दिया।
इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन पर दस हजार रुपये के हर्जाना लगाते हुए उनका प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है। बताते चलें कि कोर्ट ने दोनों गवाहों से जिरह नहीं करने पर गवाही का अवसर खत्म कर दिया था। उसके बाद यह प्रार्थना पत्र शुक्रवार को कोर्ट में दाखिल किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी।
अलीगढ़ के तहसीलदार ने दर्ज कराए बयान
हमसफर रिजार्ट में सरकारी जमीन कब्जाने के मामले में अलीगढ़ में तैनात तहसीलदार कृष्ण गोपाल मिश्रा ने कोर्ट में पहुंचकर गवाही दी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उनसे जिरह की जो कि पूरी नहीं हो सकी। इस मामले की सुनवाई 24 जनवरी को होगी। यह मामला एमपीएलए कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में सपा नेता आजम खां की पत्नी डा.तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को आरोपी बनाया गया है।