विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को अमेरिका की मेजबानी में आयोजित कोविड-19 ग्लोबल एक्शन मीटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान विदेश सचिव ने कहा भारत ने महामारी को रोकने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया है। उन्होंने कहा जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ के दृष्टिकोण के अनुरूप वैश्विक स्वास्थ्य लाभ की दिशा में भारत ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
श्रृंगला ने कहा- भारत ने महामारी को रोकने के लिए प्रभावी ढंग से काम किया है।
यह बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बुलाई थी। जिसका उद्देश्य महामारी प्रतिक्रिया पर वैश्विक कार्रवाई का समन्वय करना था। विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों- टीकाकरण; आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाना, सूचना अंतराल पर ध्यान देना; स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करना, गैर-वैक्सीन हस्तक्षेप सुनिश्चित करना और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा संरचना को मजबूत बनाना।
बैठक में विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा हमने 1.7 बिलियन से अधिक खुराकें दी हैं, जिसमें हमारी 70% वयस्क आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा हमारे डिजिटल सर्टिफिकेशन प्लेटफॉर्म कोविन ने 25 मिलियन दैनिक टीकाकरण के हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमने कोविन को एक ओपन सोर्स डिजिटल पब्लिक गुड के रूप में पेश किया है और डब्ल्यूएचओ की सी-टैप पहल के माध्यम से विश्व स्तर पर कोविन प्लेटफॉर्म को साझा करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए डब्ल्यूएचओ के साथ बातचीत कर रहे हैं।
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा हमारे फार्मा उद्योग ने महामारी के तीव्र चरण के दौरान टीकों, चिकित्सा एवं डाइग्नोस के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर करने में मदद की है और आगे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित चार टीके (कोवैक्सीन, कोविशील्ड, कौवैक्स और जैनसन) और तीन अन्य (कॉर्बेवैक्स, ज़ीकोव-डी और जेनोवा) अनुमोदन के लिए भारत में उत्पादित किए जा रहे हैं। भारत के पास 2022 में o5 अरब खुराक का उत्पादन करने की क्षमता है।
घरेलू क्षमताओं के अलावा विदेश सचिव श्रृंगला ने इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि भारत कोविड-19 से निपटने के वैश्विक प्रयासों खासकर टीकाकरण के संबंध में कैसे योगदान देना चाहता है। वर्तमान में भारत ट्रिप्स छूट के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जिसे भारत ने क्षेत्रीय बाजारों में स्थानीय विनिर्माण में विविधता लाने के लिए दक्षिण अफ्रीका के साथ सह-प्रायोजित किया है। इसके अलावा भारत पहले ही 97 देशों में 162 मिलियन से अधिक टीकों की खुराक की आपूर्ति कर चुका है और 2022 में भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक अरब से अधिक खुराक देने का लक्ष्य है।
ज्ञान साझा करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए विदेश सचिव श्रृंगला ने यह भी बताया किया कि कैसे भारत ने 60 से अधिक देशों के लिए 17 प्रशिक्षण मॉड्यूल आयोजित किए हैं जो कोविड प्रबंधन के पूरे स्पेक्ट्रम पर केंद्रित हैं। उन्होंने यह बताया कि ज्ञान साझा करने के दायरे में अपनी पड़ोस प्रथम नीति को बनाए रखते हुए भारत ने दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों में जीनोमिक अनुक्रमण और निगरानी के लिए प्रयोगशालाओं के भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) नेटवर्क का विस्तार करने के लिए भी काम कर रहा है।
बैठक के दौरान उन्होंने यह भी कहा भारत विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों और इलाकों में फैली एक बड़ी आबादी के परीक्षण, उपचार और टीकाकरण में अपने अनुभव को आगे साझा करेगा। ताकि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के फ्रंट-लाइन और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अनुकूलित एवं तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया जा सके, जो क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप के तहत भारत के काम को पूरा करेगा। वैश्विक महामारी को समाप्त करने में मदद करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। इसके लिए भारत विकासशील और अविकसित अर्थव्यवस्थाओं की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यही नहीं वर्चुअल ग्लोबल एक्शन मीटिंग वैश्विक समुदाय के प्रति भारत की प्रतिबद्धता प्रमाणित करती है।