ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अप्रैल माह के अंत में होने वाले अपने भारत दौरे की अवधि को कम कर दिया है. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता के हवाले से यह जानकारी दी गई. इसके साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि वो अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे. इससे पहले जॉनसन की जनवरी में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत जाने की योजना थी, लेकिन ब्रिटेन में बढ़ते कोविड-19 संकट के कारण उन्हें यह यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी.
बोरिस जॉनसन यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर जाने के बाद अपने पहले बड़े अंतरराष्ट्रीय दौरे के तहत अप्रैल के अंत में भारत आएंगे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अवसर देखेंगे1 जॉनसन की भारत यात्रा की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब जॉनसन ने विदेश नीति, रक्षा, सुरक्षा और विकास संबंधी ब्रिटेन सरकार की समेकित समीक्षा का निष्कर्ष जारी किया. ब्रिटेन की विदेश नीति में आए बदलाव में विश्व के भू-राजनीतिक केंद्र के रूप में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की ओर साफ झुकाव दिख रहा है. इसी के तहत ब्रिटेन ने आसियान आर्थिक संघ के साझेदार दर्जे के लिए आवेदन किया है.
डाउनिंग स्ट्रीट ने बीते 15 मार्च को कहा था कि क्वीन एलिजाबेथ कैरियर नाटो सहयोगियों के साथ क्षेत्र में अपनी पहली परिचालन तैनाती करेगा. ब्रिटेन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन देशों के साझेदार दर्जे के लिए आवेदन कर रहा है और अप्रैल के अंत में प्रधानमंत्री जॉनसन यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा के तहत भारत जाएंगे.
उसने कहा था कि भारत की यात्रा क्षेत्र में अवसरों को खोलेगी और इस दौरान भविष्य में एक मुक्त व्यापार समझौते के प्रणेता के रूप में बहुप्रतीक्षित भारत-ब्रिटेन उन्नत व्यापार साझेदारी को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.