अमेरिका में सबसे बड़े साइबर हमले के बाद इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है. रविवार को ये हमले देश की सबसे बड़ी ईंधन पाइपलाइन की कंपनी कोलोनियल पर किए गए. अमेरिका के पूर्वी तट के राज्यों में डीजल, गैस और जेट ईंधन की 45 प्रतिशत सप्लाई इसी पाइपलाइन से होती है. फिलहाल यहां कामकाज बंद हो गया है. सेवा को फिर से शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है.
साइबर अटैक के बाद बाइडेन प्रशासन ने आपातकाल की घोषणा कर दी है. कहा जा रहा है कि हैकर्स ने इस पाइप लाइन की साइबर सिक्योरिटी पर शुक्रवार को हमला किया था. इस साइबर हमले के बाद 18 राज्यों की सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इस हमले के बाद ईंधन की कीमतों में सोमवार को 2-3 फीसदी का इजाफा हो सकता है. साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कीमतें और भी बढ़ सकती हैं.
दावा किया जा रहा है कि रैन्समवेयर हमला डार्कसाइड नाम के एक साइबर-अपराधी गिरोह ने किया है. कहा जा रहा है कि कोलोनियल नेटवर्क में सेंध लगाई और लगभग 100 जीबी डेटा को अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद हैकरों ने कुछ कंप्यूटरों और सर्वरों पर डेटा को लॉक कर दिया और फिरौती की मांग की
विशेषज्ञों के अनुसार रैनसमवेयर एक ऐसा मालवेयर होता है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम को ब्लॉक कर देता है और उसका डाटा वापस करने या कंप्यूटर को फिर से खोल सकने के लिए फिरौती की मांग करता है. आपराधिक हैकर ऐसे साइबर हमलों को अंजाम देते हैं. कोलोनियल पाइपलाइन कंपनी ने यह नहीं बताया कि किस चीज की मांग की गई और किसने मांग की है.