बिपरजॉय की बिपदा वैसे तो गुजरात की सीमा पार कर गई है। लेकिन जाने के साथ अपने पीछे तबाही के निशान छोड़ गई है। जगह-जगह उखड़े पेड़, गिरे हुए बिजली के खंभे और पलटी हुई गाड़ियां चक्रवात के बाद की कहानी बयां कर रहे हैं।
बिपरजॉय का सबसे ज्यादा कहर कच्छ और सौराष्ट्र के आठ जिलों में देखने को मिला। तेज गति से चलती तूफानी हवाएं सबकुछ उड़ा देने पर आमादा नजर आ रही थीं। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में तबाही का मंजर छोड़ गया। यहां 22 लोग घायल हो गए हैं। इसके अलावा कई गांवों में बिजली की आपूर्ति को नुकसान पहुंचा। समुद्र के पास निचले इलाकों में बाढ़ आ गयी।
गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र में बिपरजॉय के चलते किसी की जान तो नहीं गई है। लेकिन अन्य चीजों पर काफी ज्यादा असर पड़ा है। साइक्लोन के चलते तमाम बिजली के खंभे उखड़ गए हैं। इसके चलते यहां पर अभी भी एक हजार से ज्यादा गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं। यह सबकुछ तब है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने आनन-फानन में करीब 3500 गांवों की बिजली बहाल कर दी है।
अगर फिलहाल की बात करें तो चक्रवात बिपरजॉय साइक्लोन गुजरात की सीमा से निकलकर पाकिस्तान को पार कर चुका है। फिलहाल साइक्लोन का रुख थोड़ा नर्म पड़ा है और हवाओं की रफ्तार 50 से 60 किमी प्रतिघंटे तक रह गई है।
इसके बावजूद इसका खतरा कम नहीं हुआ है। इस चक्रवात के साथ जोरदार बारिश का भी खतरा बरकरार और यही वजह है कि राजस्थान के पांच शहरों में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है। एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित रेल यातायात प्रभावित हुआ है। रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 14 रेलगाड़ियों को रद्द कर दिया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने शुक्रवार को बताया कि ‘बिपारजॉय’ तूफान की वजह से उत्तर पश्चिम रेलवे पर चलने वाली गांधीधाम-अमृतसर एक्सप्रेस,अमृतसर-गांधीधाम एक्सप्रेस, जोधपुर-भीलड़ी एक्सप्रेस, वलसाड-भीलड़ी एक्सप्रेस, जोधपुर-पालनपुर एक्सप्रेस, बाडमेर-मुनाबाव एक्सप्रेस, मुनाबाव-बाडमेर एक्सप्रेस सहित कुल 13 रेल गाड़ियों को शनिवार के लिये रद्द किया गया है।
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 24-48 घंटों के लिए क्षेत्रीय मौसम को प्रभावित करता रहेगा, जिससे उत्तरी गुजरात और दक्षिणी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश होगी। इस बीच चक्रवाती तूफान के कमजोर पड़ने के बाद गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि कच्छ जिले में अब तक किसी के हताहत नहीं होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि तटीय जिलों के कई हिस्सों में सड़कों की सफाई का काम चल रहा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार रात गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात की। उन्होंने बिपरजॉय के बाद राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने जंगली जानवरों, विशेषकर गिर के जंगल में शेरों की सुरक्षा के लिए राज्य प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी ली।
बड़ी संख्या में कच्चे मकान तूफान में अपना अस्तित्व खो चुके हैं। वहीं स्टेट हाइवेज पर आवागमन बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पेड़ भी तबाह हुए हैं। राहत आयुक्त आलोक पांडे ने बताया कि बिपरजॉय के असर से 115 से 125 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के कारण कच्छ और सौराष्ट्र के 900 गांवों में 20 बिजली के खंभे और 524 पेड़ गिरे हैं। वहीं 23 पशुओं की मौत हुई है। द्वारका में सबसे अधिक 23 पेड़ गिरे हैं। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।