बाराबंकी । आजादी से पूर्व ब्रिटिश काल के दौरान निर्मित प्राचीन मंदिर को अस्थानीय दबंगो द्वारा तोड़कर नष्ट करने की कोशिश की गई। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति व्याप्त है।
प्राचीन मंदिर पर दबंगो का हमला
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ तहसील रामसनेहीघाट ग्राम पूरे छबिनाथ शुक्ल मजरे में सूरजपुर के अन्तर्गत देवीगंज चौराहा के निकट बने प्राचीन शिव मन्दिर को स्थानीय दबंगो द्वारा अवैध तरीके से तोडने की कोशिश किया गया। स्थानी लोगो की माने तो यह मन्दिर आजादी से पूर्व अंग्रेजो के शासन काल में बनवाया गया था। मंदिर ग्राम समाज के गाटा सं0 346 पर देवस्थान के रूप में दर्ज भूमि पर बना है।
सरकारी संम्पती है प्राचीन शिव मंदिर
विदित हो यह आजादी से पूर्व निर्मित मन्दिर है इसलिए यह सम्पति राज्य सरकार में निहित है जिसकी सुरक्षा करना राज्य सरकार की ही जिम्मेदारी है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को मंदिर परिसर को तोडने, गिराने, नष्ट आदि किसी भी तरीके का नुकसान पहुँचाने का अधिकार नहीं है। घटनाक्रम सामने आने के बाद मालूम हुआ की मन्दिर तोडने से पूर्व उपजिलाधिकारी रामसनेही घाट ने मन्दिर के स्थगन का आदेश दे दिया था। यहां तक की तहसीलदार द्वारा 115C की कार्यवाही भी की गई इसके बावजूद दंबगई व नियम विरुद्ध मन्दिर का कुछ भाग तोड कर नष्ट कर दिया गया है।
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प्राचीन शिव मंदिर तोडने वालो के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु एसओ असन्द्रा को निर्देश दिए गए हैं -उपजिलाधिकारी रामसनेहीघाट
राज्य सरकार और प्रशासन विफल
स्थानीय लोगो की माने तो जिला प्रशासन दबंगो की ऊँची पहुँच से इस कदर खौफ़जदा है कि मंदिर को क्षतिग्रस्त किये जाने के बावजूद आरोपित दबंगों के खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाई नहीं की गयी है। ख़ास कर तब जबकि उक्त मन्दिर सरकारी जमीन पर बनाया गया है।