लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय में बीए और बीकॉम तृतीय वर्ष की विदाई समारोह (Farewell Ceremony) का आयोजन महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति (Cultural Committee) द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का आरंभ कल पहलगाम (Pahalgam) में हुई घटना पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गईं। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय (Principal Pro Manjula Upadhyay) को पुष्प गुच्छ सांस्कृतिक समिति की अध्यक्ष प्रो मंजुला यादव एवं डा अनुरिमा बैनर्जी द्वारा दिया गया। छात्रा श्रेया श्रीवास्तव ने एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के पहले चरण में बीए और बीकाम की छात्राओं ने रैंप वाक किया। दूसरे चरण अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और अंतिम चरण में निर्णायक मंडल द्वारा प्रश्न पूछे गए। निर्णायक मंडल में बीए0में प्रो़ मंजुला यादवए डा सुखमनी गांधी, डा ऐश्वर्या सिंह रहीं। बी काम में निर्णायक मंडल में डा अनुरिमा बैनर्जी, डा प्रतिमा घोष, प्रो सीमा पाण्डेय रहीं।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो मंजुला उपाध्याय ने कहा कि यह कार्यक्रम छात्राओं द्वारा छात्राओं के लिए आयोजित किया जाता है। तृतीय वर्ष की छात्राएं जो महाविद्यालय से जाती हैं, उनके लिए बहुत भावनात्मक क्षण होता है। उन्होंने कहा कि आप आगे जाकर कहीं भी किसी भी पद पर कार्यरत हों तो आप नवयुग की छात्राएं कहलाएंगे। अतः आप कभी भी ऐसा कार्य ना करें कि नवयुग महाविद्यालय की छवि धूमिल हो। आप चाहें जिस क्षेत्र में जाएं नवयुग का नाम रोशन करें।
प्रश्नोत्तर चरण में निर्णायक द्वारा छात्राओं से कुछ प्रश्न पूछे गए। डॉ ऐश्वर्या सिंह ने पूछा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा के क्षेत्र में क्या बदलाव ला रही है? छात्राओं ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण मूल प्रतिभा छुप जाती है लेकिन बहुत सी जगह ये हमारी मदद भी करती है। हमारे प्रश्नों के उत्तर आसान तरीके से देता है। हमारे असाइनमेंट में मदद करती है।
प्रो मंजुला यादव ने पूछा विकसित भारत 24से आप क्या समझते हैं? डॉ सुखमनी गांधी ने पूछा कि आप उच्च शिक्षा में क्या बदलाव चाहती हैं? छत्राओं ने कहा कि जो बच्चे केवल पढ़ाई में ही ध्यान देते हैं जिसके कारण उनकी प्रतिभा छुप जाती है। उच्च शिक्षा में ऐसे अनेक अवसर है जिनके द्वारा छात्राएं पढ़ाई केसाथ अन्य गतिविधियां भी कर सकती हैं। प्रो सुषमा त्रिवेदी ने पूछा भारतीय समाज में जो अराजकता है नये प्रकार के अपराध हो रहे हैं, भारतीय दंड संहिता में कुछ सुधार की आवश्यकता हैघ? सिमरन ने उत्तर दिया कि अपराध और अपराधी हमारे बीच से ही निकलते हैं अतः हमें स्वयं के ऊपर ध्यान देना चाहिए।
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इसी तरह डॉ अनुरिमा बैनर्जी ने पूछा कि महिला सशक्तिकरण से आप क्या समझते हैं ? छात्रा श्रेया ने कहा कि जबतक महिला सशक्त नहीं होगी तब तक हम किसी क्षेत्र आगे नहीं बढ़ सकते। प्रो सीमा सरकार ने पूछा कि आजकल जो पढ़ाई का तनाव है बच्चों पर और कक्षा में उपस्थित नहीं होते इसके लिए क्या करना चाहिएघ? दिव्या बर्थवाल ने कहा कि कुछ छात्राएं कक्षा में उपस्थित रहतीं हैं और कुछ अन्य सहायक गतिविधियों में भी प्रतिभाग करती है।
बीए में मिस फेयरवेल श्रेया श्रीवास्तव, प्रथम रनरअप दिव्या बर्थवाल, द्वितीय रनरअप सिमरन, मिस वेलड्रेस शिवांशी ठाकुर को प्राप्त हुआ। बीकाम में मिस फेयरवेल संजना निषाद, प्रथम रनरअप मानसी गुप्ता, द्वितीय रनरअप शौर्यां का शर्मा, मिस ब्यूटीफुल स्माइल वैश्नवी द्विवेदी को मिला। इस अवसर पर महाविद्यालय की सभी प्रवक्ताएं एवं सांस्कृतिक समिति के सदस्य डा अपूर्वा अवस्थीए डा क्षितिज शुक्ला उपस्थित रहीं।कार्यक्रम का संचालन सृष्टि नायक और छवि पांडे ने किया।स्वर्णिमा सैनी बीए एवं बुशरा बीकॉम में कार्यक्रम का संयोजन कुशलता पूर्वक किया।