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आजीवन अयोग्यता मामले पर फैसला सुरक्षित; PTI के 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह पूर्व प्रधानमंत्रियों नवाज शरीफ और इमरान खान सहित कुछ प्रमुख राजनेताओं को आजीवन अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे का निपटारा करेगा। इस फैसले से संविधान के अनुच्छेद 62 (1) (एफ) और चुनाव अधिनियम 2017 के तहत अयोग्यता की अवधि के आसपास के सभी विवादों के एक बार में ही तय होने की उम्मीद है।

शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ ने 2018 में एक फैसले में कहा था कि अनुच्छेद 62 (1) (एफ) के तहत अयोग्यता जीवन भर के लिए है। लेकिन, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने 26 जून, 2023 को चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव किए, जिसने इसे केवल पांच साल तक के लिए सीमित कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेपी ने टिप्पणी की कि आजीवन अयोग्यता पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला और चुनाव अधिनियम 2017 में संशोधन सह-अस्तित्व में नहीं रह सके। उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत की व्याख्या और कानून में विसंगतियों के परिणामस्वरूप आगामी आम चुनावों में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। सुनवाई के समापन पर सीजेपी ने कहा कि इसकी घोषणा के लिए कोई समय बताए बिना एक संक्षिप्त आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम जल्द से जल्द संक्षिप्त आदेश के साथ आने की कोशिश करेंगे। शायद आज नहीं, लेकिन अल्लाह ने चाहा तो यह बहुत जल्द होगा।
पाकिस्तानी मीडिया की खबर के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश और कुछ अन्य न्यायाधीशों की टिप्पणियों से संकेत मिलता है कि वे दोषी नेताओं पर आजीवन प्रतिबंध से सहज नहीं हैं। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अयोग्यता की सीमा अदालत के आदेश के माध्यम से लगाई जानी चाहिए या संविधान में संशोधन के माध्यम से। अधिकांश दलीलें आजीवन प्रतिबंध की अवधारणा को रद्द करने और इसे पांच साल की अवधि तक सीमित करने के पक्ष में थे। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने बार-बार कहा कि वह आजीवन अयोग्यता का समर्थन करने वाली दलीलें सुनना चाहते हैं। उन्होंने वकीलों को आगे आने के लिए कहा। शरीफ को 2017 में पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराया गया था। वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी इमरान खान को पिछले साल तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। उनको भी इसी कानून का सामना करना पड़ा था।
पीटीआई के 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

उधर, इमरान खान की पार्टी के सौ कार्यकर्ताओं के खिलाफ आज देश की आतंकवाद रोधी अदालत गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। सेना विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पंजाब प्रांत में आईएआई की इमारत पर हमले में कथित संलिप्तता को लेकर यह वारंट जारी किया गया है।

नौ मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक प्रदर्शन हुए थे। भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में अर्द्धसैनिक रेंजर्स ने उनकी गिरफ्तारी की थी। इसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया था।

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