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डिफेंस एक्सपो में देश की सुरक्षा के लिए बनाए गए अलग-अलग संस्थानों के उपकरणों का किया गया प्रदर्शन

रक्षा मंत्रालय द्वारा लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो में देश की सुरक्षा के लिए बनाए गए अलग-अलग संस्थानों के उपकरणों का प्रदर्शन किया जा रहा है. डिफेंस एक्सपो में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने जहां सीआरपीएफ के लिए तमाम आने वाली पीढ़ी के रक्षा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई है, वहीं सेना के कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजिनियरिंग ने भी कई खास डिवाइसेज का प्रदर्शन किया है. कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजिनियरिंग की ओर से डिफेंस एक्सपो में एक हाइटेक हेल्मेट को प्रदर्शित किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, 1.4 किलोग्राम के इस हेल्मेट को जल्द ही सेना के प्रयोग में लाया जा सकता है. इस हेल्मेट की खासियत यह है कि यह 10 मीटर की दूरी से ही एके-47 की किसी गोली को रोक सकता है.

कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजिनियरिंग द्वारा विकसित यह हेल्मेट एक गनशॉट लोकेटर है. इसकी मदद से 400 मीटर दूरी से ही किसी फायरिंग पॉइंट की लोकेशन ट्रेस की जा सकती है. इस हेल्मेट की मदद से किसी ऐसे टेररिस्ट की लोकेशन पता लगाना बेहद आसान होगा, जो कही दूर से किसी टार्गेट पर फायरिंग कर रहा हो. इस गनशॉट लोकेटर की मदद से फायरिंग कर रहे शख्स की लोकेशन मिलने के बाद उसे उसी जगह पर ढेर किया जा सकेगा. इसके अलावा आईआईटी-रुड़की के सहयोग से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने सिक्यॉरिटी सर्विलांस सिस्टम बनाया है.

आईआईटी रुड़की का दावा है कि यह सैन्य बलों के लिए काफी मददगार हो सकता है. आईआईटी रुड़की में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो़ कमल जैन ने गुरुवार को बताया कि इस संबंध में रक्षा उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों और बीईएल की साझेदार अन्य एजेंसियों से अच्छा रेस्पॉन्स मिला है. बीईएल के सहयोग से इसको मूर्त रूप दिया जाएगा. व्यावसायिक सक्षमता में सुधार और लागत में भी कमी आएगी. जैन ने बताया कि सिक्यॉरिटी सर्विलांस सिस्टम के तहत कई महत्वपूर्ण काम होंगे, जिनमें किसी स्थान की निगरानी, सुरक्षा, सैन्य गुप्त सूचना (सीमा की चौकसी), संदिग्ध गतिविधि का पता लगाना आदि शामिल है.

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