नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वे राष्ट्रीय राजधानी में भी पीएम आयुष्मान भारत योजना को लागू करने जा रहे हैं। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार ने यह सबमिशन दिया। इसके बाद दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वकीलों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 24 दिसंबर 2024 के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को वापस लेने की मांग की, जिसकी सुप्रीम कोर्ट पीठ ने स्वीकृति दे दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया था समझौता करने का आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार को 5 जनवरी तक दिल्ली में पीएम आयुष्मान भारत योजना लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ एमओयू (ज्ञापन समझौता) करने का आदेश दिया था। इस पर तत्कालीन आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को अपने आदेश में उच्च न्यायालय के एमओयू करने के निर्देश पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि हालिया विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराकर भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई है, जिसके बाद दिल्ली में भी पीएम आयुष्मान भारत योजना के लागू होने का रास्ता साफ हो गया।
आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने नहीं लागू की थी योजना
दरअसल दिल्ली में भी पीएम आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की मांग वाली याचिका उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। इस पर दिल्ली सरकार ने कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार में 529 मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं, जबकि पीएम आयुष्मान भारत योजना ग्रामीण भारत के लोगों के लिए डिजाइन की गई है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि जब देश के सभी राज्यों में पीएम आयुष्मान भारत योजना लागू है तो दिल्ली में भी इसे लागू किया जाना चाहिए और ऐसा न करना दिल्ली के लोगों से अन्याय होगा।