लिव इन पार्टनर श्रद्धा की कथित तौर पर हत्या कर उसके शव के टुकड़े करने वाले आफताब ने श्रद्धा के शरीर के कुछ हिस्सों को देहरादून में भी ठिकाने लगाया था। दिल्ली पुलिस से हुई पूछताछ में इसका खुलासा आरोपी ने किया है। अब जांच में दिल्ली पुलिस देहरादून भी जा सकती है। इस मामले पर देहरादून पुलिस ने दिल्ली पुलिस को हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
दिल्ली पुलिस जांच के दौरान उन होटल मालिकों से भी संपर्क कर सकती है जहां आफताब श्रद्धा की हत्या करने के बाद रूका था। ये भी संभावना जताई गई है कि आफताब ने देहरादून में खून से सने कपड़ों को ठिकाने लगाया होगा।
आफताब ने जलाया था श्रद्धा का चेहरा
पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद उसके शरीर के कई टुकड़े किए। इन टुकड़ों को कई दिनों तक फ्रिज में रखा और यहां तक की श्रद्धा के सिर को भी फ्रिज में रखा। अंत में उसने श्रद्धा के सिर को जलाया और फिर उसके सिर को ठिकाने लगाया। पुलिस को अबतक श्रद्धा का सिर नहीं मिला है। पुलिस के पास अहम सुराग के तौर पर अब भी वो हथियार नहीं है जिससे श्रद्धा के शरीर के टुकड़े किए गए है। श्रद्धा का सिर और हथियार दो अहम सबूत इस मामले में पुलिस को नहीं मिले है।
सीसीटीवी में दिखा आफताब
जांच मे जुटी पुलिस के एक और अहम सुराग मिला है जिसमें वो सीसीटीवी फुटेज में बैग के साथ कैद हुआ है। इस सीसीटीवी फुटेज में आफताब के हाथ में एक बैग दिख रहा है। संभावना है कि इस बैग में ही आफताब श्रद्धा के शव को ठिकाने लगाने जाता था।
पुलिस ने लिया पिता-भाई का डीएनए
महरौली हत्याकांड की पीड़िता श्रद्धा वालकर के अब तक बरामद अवशेषों से डीएनए मिलान के लिए उसके पिता एवं भाई के रक्त के नमूने लिए गए हैं। पुलिस ने 18 नवंबर को यह जानकारी दी। पुलिस ने एक बयान में यह भी कहा कि आरोपी द्वारा दिए गए जवाबों की भ्रामक प्रकृति को देखते हुए, उसके नार्को विश्लेषण परीक्षण के लिए एक आवेदन किया गया था और इसे अदालत ने मंजूरी दे दी है। दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को आरोपी #आफताब_अमीन_पूनावाला का नार्को टेस्ट पांच दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है।
पुलिस के अनुसार पूनावाला ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर (27) की गत 18 मई की शाम को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए। आरोपी ने शव के टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक एक बड़े फ्रिज में रखा तथा उन्हें कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा।