देश में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों और एक्टिव केस में कमी के साथ ही राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की मांग में भी गिरावट आई है. कई राज्यों में तो फिलहाल बफर स्टॉक तक है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों से ऑक्सीजन की मांग कम हुई है. राज्यों पर उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा केस और मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन कई राज्यों में ऑक्सीजन की मांग में गिरावट से पता चलता है कि मामले वास्तव में तेजी से कम हो रहे हैं.’
कांग्रेस शासित राजस्थान ने इस महीने की शुरुआत में 585 मीट्रिक टन (एमटी) तक अपनी दैनिक ऑक्सीजन आपूर्ति प्राप्त करने के लिए प्रधान मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी थी. राज्य में 12 मई को लगभग 2.1 लाख केस एक्टिव थे. सीएम अशोक गहलोत ने इसके लिए व्यक्तिगत रूप से पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की थी. वहीं अब बात करें तो राजस्थान की मांग घटकर केवल 325 मीट्रिक टन प्रतिदिन रह गई है, क्योंकि एक्टिव केस 90,000 से नीचे चले गए हैं, जिससे राज्य में ऑक्सीजन का बफर स्टॉक हो गया है.
उत्तर प्रदेश में जहां 1 मई को एक्टिव केस तीन लाख से अधिक थे, वह अब घटकर केवल 62,000 रह गए हैं, और ऑक्सीजन की मांग भी गिरकर लगभग 600 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो गई है. यूपी में ऑक्सीजन की मांग 1200 मीट्रिक टन तक पहुंच गई थी. बिहार में, ऑक्सीजन की दैनिक मांग 400 मीट्रिक टन से घटकर लगभग 274 मीट्रिक टन हो गई है, जबकि मध्य प्रदेश में, ऑक्सीजन की मांग 513 मीट्रिक टन से घटकर फिलहाल 380 मीट्रिक टन हो गई है.
दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट को यह भी बताया था कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आवश्यकता 700 मीट्रिक टन की शुरुआती मांग से कम हो गई और राजधानी को अब लगभग 500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही चाहिए. बाकी ऑक्सीजन को अन्य राज्यों को आवंटित किया जा सकता है.