पूर्वी यूपी में डेंगू के स्ट्रेन-टू का प्रकोप फैला हुआ है। इस बार डेंगू के स्ट्रेन के कारण लक्षणों में कुछ परिवर्तन दिख रहा है। मरीजों में निमोनिया जैसे लक्षण मिल रहे हैं। इसके अलावा करीब 10 फीसदी मरीज उल्टी-दस्त के भी मिले हैं। डेंगू मरीजों में बुखार, चकत्ते पड़ना, आंखों के पीछे दर्द, थकान, कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं। इस बार डेंगू के मरीजों में बुखार के साथ कुछ नए लक्षण दिखे हैं।
बदलते मौसम में निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग आते हैं। निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए लगने वाला टीका जिले में खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है। इस टीके की जिले में सिर्फ ढाई हजार डोज है जो शनिवार को खत्म हो जाएगी।
निमोनिया सांस से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जो बैक्टेरिया, #वायरस और फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण से होता है। इस वजह से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में काफी तकलीफ होती है। इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय न्यूमो कॉकल कंजूगेट वैक्सीन (पीसीवी) का वैक्सीनेशन है। एक साल तक के बच्चों इस टीके की तीन डोज लगाई जाती है। पहला डेढ़ महीने पर दूसरा तीन महीने पर टीका लगता है और नौ महीने पर बूस्टर डोज लगाई जाती है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि यह नियमित टीकाकरण में शामिल है। जिले में हर हफ्ते करीब 7500 डोज की खपत होती है। इस हफ्ते सिर्फ 2500 डोज उपलब्ध है। इससे शनिवार को ही टीकाकरण हो सकेगा। दस हजार डोज की मांग की गई थी। ढाई हजार डोज मिला है। इससे एक सत्र का ही टीकाकरण हो सकेगा।
गोरखपुर के शिवपुर शाहबाजगंज निवासी 38 वर्षीय पुरुष को सांस की तकलीफ हो रही थी। #डेंगू जांच में वह पॉजिटिव मिले। जिला अस्पताल से उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। जहां इलाज के बाद उनकी सेहत में सुधार हुआ। दीवान दयाराम कस्बा निवासी 24 वर्षीय युवती में भी इसी प्रकार के लक्षण मिले। इन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि डेंगू के साथ मरीजों को सांस का भी इलाज किया जा रहा है। सभी एलाइजा जांच में पॉजिटिव मिले।