सूनी धरा सूना गहन
सूनी धरा सूना गगन
कैसे बांटे यह अकेलापन
वह निहारे बैठ कर
मुंडेर पर..
दिखता नहीं अपना कोई दूर तक
गैरों से उम्मीद भी क्या करे
सब हैं अपने में मगन
इसको हिस्से में मिला
सूनी धरा सूना गगन

Tags डॉ दिलीप अग्निहोत्री सूनी धरा सूना गहन
लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय (Navyug Kanya Mahavidyalaya) के अंग्रेज़ी विभाग (English Department) द्वारा 14 अप्रैल ...