आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को देवशयनी एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 23 जुलाई 2018 सोमवार को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी। आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का समय हरिशयन का काल समझा जाता है। मान्यता है कि चार माह के लिए भगवान हरि सो जाते हैं, लिहाजा कोई शुभ काम इस दौरान नहीं होता है। इन 4 माह के दौरान शुभ कार्य, शादी-विवाह, उपनयन संस्कार व अन्य सभी तरह के मंगल कार्य वर्जित बताए गए हैं। हालांकि, इस दौरान जितने भी पर्व, व्रत, उपवास, साधना, आराधना, जप-तप किए जाते हैं, उनका बहुत महत्व है। यह समय पुण्यफल देने वाला माना गया है।
देवशयनी एकादशी को
दीपावली के बाद देवउठनी एकादशी को भगवान जागते हैं। उसके बाद शुभ कार्य एक बार फिर से शुरु हो जाते हैं। इस साल देवउठनी एकादशी 19 नवंबर 2018 को मनाई जाएगी। इस बीच के चार माह के समय को चार्तुमास के नाम से भी जाना जाता है।
इस बार 12 नवंबर से गुरु का तारा अस्त हो जाएगा, इसलिए 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी के बाद भी शुभ काम नहीं हो सकेंगे। सात दिसंबर को गुरु के उदय होने के बाद विवाह आदि मांगलिक कार्य होंगे। हालांकि, इसके बाद ही धनु का मलमास 16 दिसंबर से शुरू होगा, जो 14 जनवरी 2019 तक जारी रहेगा। इस वजह से भी इस समयावधि में शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे।