भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता एवं महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर राज्य के वक्फ बोर्ड में भगोड़े गैंगस्टर एवं आतंकवादी दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वाले लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया.
हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन की सहयोगी NCP ने इस आरोप को खारिज कर दिया और आरोप लगाया गया कि फडणवीस द्वारा उल्लिखित पदाधिकारी को बोर्ड में तब मनोनीत किया गया था, जब भाजपा राज्य में सत्ता में थी.
फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने जो पेन ड्राइव जमा की थी, जिसमें वक्फ बोर्ड के सदस्यों मोहम्मद अरशद खान और मुदस्सिर लांबे के बीच बातचीत है.
राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने निचले सदन को बताया कि लांबे को वक्फ बोर्ड में एमवीए द्वारा नियुक्त नहीं किया गया था. उन्होंने कहा, ”वह 30 अगस्त 2019 से एक निर्वाचित सदस्य हैं. हम देखेंगे कि उनके खिलाफ कैसे कार्रवाई की जा सकती है.”
अधिकारियों के अनुसार, लांबे बलात्कार के एक मामले में अग्रिम जमानत पर बाहर है, जबकि खान इस साल जनवरी में चार अन्य लोगों के साथ हथियार कानून के एक मामले में पकड़े जाने के बाद से ठाणे जेल में बंद है.