उत्तर प्रदेश की सड़कों पर जब हम रास्ते में निकलते हैं तो देखते हैं की जगह जगह UPP पुलिस की जीप दिखाई देती है,जो हमारी सुरक्षा के लिए हर समय मुस्तैद रहती है। वहीं पुलिस द्वारा समय समय पर चेकिंग अभियान भी चलाए जाते हैं। जिसे देखकर कुछ लोग बोझ समझकर रास्ता बदलकर निकल जाते हैं तो वही काफी लोग इसे जिम्मेदारी समझकर नियम कायदों के अनुसार हर वो चीज़ दुरुस्त कर के चलते हैं जो यातायात नियमों की दृष्टि से जरुरी है। पर समस्या तब गंभीर हो जाती है जब कानून व यातायात नियमों का रक्षण करने वाले खुद इसे तोड़ते हुए दिखाई देते हैं।
UPP : जब यूपी 100 खुद चल रहा हो बगैर बीमा…
अगर बात नियमों और कानून की हो तो लोगों के सेवा में मुस्तैद यूपी 100 को कोई नहीं भुला सकता किन्तु आपको ये जानकर आश्चर्य होगा की उत्तर प्रदेश पुलिस के यूपी 100 डायल सेवा में शामिल किसी भी वाहन का बीमा नहीं हैं।
जनता को सुरक्षा का अहसास दिलाने वाले वाहन खुद असुरक्षित हैं। बगैर बीमा के वाहनों को चलाना दंडनीय है। इस पर चालान का प्रावधान हैं, लेकिन जो कानून सबके लिए है, उसे अब इन्हे कौन सिखाए?
अपराधियों की नकेल कसने व पीड़ितों को तत्काल मदद की मंशा से उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी 100 योजना शुरू की थी। समूचे प्रदेश में सिलसिलेवार करीब एक हजार चार पहिया वाहनों की खरीद हुई। इनोवा और बोलेरो जैसे लग्जरी वाहन यूपी 100 के बेड़े में शामिल हैं। लखनऊ परिवहन विभाग ने सभी वाहनों का एक साथ पंजीयन करके नंबर आवंटित कर दिया।
बीमा है ज़रूरी…
सड़क पर उतरने वाले हर वाहन का बीमा जरूरी है। विक्रेता की जिम्मेदारी है कि वाहन बेचने से पहले वह उसका बीमा अवश्य कराए। वाहन सरकारी हो अथवा निजी, मोटर व्हीकल एक्ट सभी पर समान लागू होता हैं। ऐसे में यूपी १०० के वाहनों का बीमा न होना नियमों के पालन को लेकर एक बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है।
आर के शर्मा