• शुरू हुआ सक्रिय क्षयरोगी खोज अभियान, चार मार्च तक चलेगा
• सोमवार को मदरसा, वृद्धाश्रम, अनाथालय, ईंट-भट्टे में चला विशेष अभियान
वाराणसी। “यदि आपको दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है और बलगम के साथ खून आ रहा है।ऐसे में आप इसको किसी और को बताने या जांच व उपचार को नजरंदाज कर रहे हैं तो ऐसा मत कीजिये, क्योंकि टीबी छिपाने से ही बढ़ती है। अगर लक्षण दिखने पर तुरंत जांच व उपचार नहीं किया गया तो यह अन्य को प्रभावित कर सकतीहै। इसके लिए सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है”।
जनपद को मिलीं 96 एएनएम, स्वास्थ्य सेवाओं का हुआ विस्तार
इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान व राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत सोमवार को जनपद में सक्रिय क्षयरोगी खोज (एसीएफ़) अभियान शुरू हुआ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद में सक्रिय क्षयरोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, मलिन बस्तियों आदि पर ज़ोर दिया जा रहा है।
सोमवार को एनटीईपी के कर्मचारियों नेजिले के विभिन्न मदरसा, अनाथालय, वृद्धाश्रम, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन आदि स्थानों पर विशेष अभियान के तहत लोगों की स्क्रीनिंग की।
इसके साथ ही टीबी के कारण, लक्षण, जांच, उपचार व पोषण के लिए उपचार के दौरान हर माह मिलने वाले 500 रुपये के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
सीएमओ ने जनमानस से अपील की कि टीबी रोग छिपाने से ठीक नहीं होगा। टीबी के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द जांच करानी चाहिए। टीबी की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर के परामर्श पर सम्पूर्ण उपचार के साथ पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि जिले की 23 टीबी यूनिट में एनटीईपी के कर्मचारी एसटीएस, एसटीएलएस व टीबी हेल्थ विजिटर के जरिये यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ अमित सिंह ने बताया सोमवार को टीबी यूनिट महमूरगंज के अंतर्गत मदरसा कादरिया रजा-ए-मूसा स्कूल ककरमत्ता, टीबी यूनिट दुर्गाकुंड के अंतर्गत सराय सुरजन मदरसा व वृद्धाश्रम में बच्चों व वृद्धजनों को टीबी की जानकारी, बचाव क बारे में बताया।
इसके साथ ही केंद्रीय कारागार, रेवड़ी तालाब स्थित जामिया फारुकिया मदरसा, अलावल लोहता स्थित मदरसा फैजुल उलूम, अर्दली बाजार स्थित मदरसा खानम जान अरबिक स्कूल उल्फत कंपाउंड, हरहुआ स्थित मात्र धाम आश्रम, लहूराबीर स्थित एसीटी काशी अनाथालय सहित ईंट-भट्टे, आदि स्थानों पर लोगों की स्क्रीनिंग कर क्षय रोग के लक्षण, उपचार व बचाव के बारे में जानकारी दी।
एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) संजय चौधरी व डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि यह अभियान दो चरणों में चार मार्च तक चलाया जा रहा है।
दूसरे चरण के तहत 22 फरवरी से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी सक्रिय रोगियों को खोजेंगी। इसके लिए कुल 235 टीम व 47 सुपरवाइज़र तैनात किए गए हैं।
रिपोर्ट-संजय गुप्ता