बर्ड फ्लू का संकट एक बार फिर मंडराने लगा है. हिमाचल प्रदेश में अब तक कई पक्षी इसकी चपेट में आ चुके हैं. राजस्थान-मध्य प्रदेश में कौवे और केरल में बत्तख इस जानलेवा वायरस का शिकार हुई हैं. बीते कुछ दिनों में हरियाणा में बर्ड फ्लू से करीब एक लाख पोल्ट्री बर्ड्स की मौत हो चुकी है. हिमाचल प्रदेश की पोंग डैम झील के पास पलायन करने वाले करीब 1,800 पक्षी मृत पाए गए हैं. वहीं, राजस्थान के कई जिलों में लगभग 250 कौवों की मौत हुई है.
बर्ड फ्लू एक बेहद खतरनाक बीमारी है जो इंफ्लूएंजा टाइप-ए वायरस की वजह से फैलती है. इसे एवियन इंफ्लूएंजा भी कहा जाता है. बर्ड फ्लू पक्षियों से इंसानों या दूसरे जानवरों में भी फैल सकता है. मुख्य तौर पर पोल्ट्री फार्म में पलने वाली मुर्गियों से यह फैलना शुरू होती है. कोरोना की तरह इसके भी कई अलग-अलग स्ट्रेन होते हैं.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, जीवित या मरे हुए संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से ये बीमारी हो सकती है. लेकिन इंसान से इंसान में ये बहुत आसानी से नहीं फैलता है. यहां तक कि इस बात के भी साक्ष्य नहीं हैं कि पके हुए पोल्ट्री फूड से किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो सकता है. ये वायरस ताप के प्रति संवेदनशील है और कुकिंग टेंपरेचर में नष्ट हो जाता है.
वैसे तो बर्ड फ्लू के कई प्रकार होते हैं, लेकिन H5N1 पहला एवियन इंफ्लूएंजा है, जिसने पहली बार किसी इंसान को संक्रमित किया था. इसका पहला मामला साल 1997 में हॉन्गकॉन्ग में सामने आया था. H5N1 आमतौर पर पानी में रहने वाले पक्षियों में होता है. लेकिन ये पोल्ट्री फार्म में पलने वाले पक्षियों में भी आसानी से फैल सकता है.
डोमेस्टिक पोल्ट्री फार्म के पक्षियों के संक्रमित होने के बाद इंसान के बीच इसके फैलने की संभावना काफी बढ़ जाती है. बर्ड फ्लू की बीमारी पक्षियों के मल, लार, नाक-मुंह या आंख से स्राव के माध्यम से इंसानों में फैल सकती है. हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पक्षियों के पूरी तरह से पके हुए मांस या अंडे खाने से ये बीमारी लोगों के बीच नहीं फैलती है.
H5N1 से संक्रमित पक्षी लगभग 10 दिनों तक मल या लार के जरिए वायरस रिलीज करता है. आप किसी दूषित सरफेस के माध्यम से भी वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इससे बचने के लिए पोल्ट्री फार्म में काम करने वाले लोगों से दूर रहना चाहिए. प्रभावित इलाकों में जाने से बचना चाहिए और संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से बचें.
इसके अलावा, अधपका या कच्चा मांस और अंडा खाने से भी आप बर्ड फ्लू का शिकार हो सकते हैं. संक्रमित रोगियों की जांच या देखभाल करने वाले हेल्थकेयर वर्कर्स के नजदीक जाने से भी बचें. घर में किसी संक्रमित व्यक्ति से भी निश्चित दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ओपन एयर मार्केट में जाने से परहेज करें और हाइजीन-हैंडवॉश जैसी बातों का खास ख्याल रखें.
बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर होने वाले फ्लू के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं. H5N1 इंफेक्शन की चपेट में आने पर आपको खांसी, डायरिया, रेस्पिरेटरी में परेशानी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी, नाक बहना या गले में खराश की समस्या हो सकती है.