गर्भावस्था यकीनन एक स्त्री के जीवन का सबसे खूबसूरत दौर होता है, लेकिन इस पीरियड में महिला को अपना अतिरिक्त ध्यान रखना पड़ता है। उसका आहार सिर्फ उसे ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इससे उसके गर्भस्थ शिशु की सेहत पर भी असर पड़ता है इसलिए कहा जाता है कि गर्भवती स्त्री को अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। आपको हर कोई यह तो बताता है कि आपको क्या खाना चाहिए ताकि आप स्वस्थ रहे और आपका बच्चा हेल्दी हो, लेकिन इस बात पर किसी का ध्यान नहीं जाता कि आपको किन चीजों से परहेज करना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको उन चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन आपको गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए-
शराब का सेवन
गर्भावस्था में आप एल्कोहॉल का सेवन करने से बचें। एल्कोहॉल के कारण प्री−मेच्योर डिलीवरी, जन्मदोष, दिमागी रूप से विकलांगता व जन्म के समय कम वजन की समस्या हो सकती है।
कैफीन को कहें नो
गर्भावस्था के शुरूआती तीन महीनों में कैफीन के सेवन से बचना चाहिए, अन्यथा इससे मिसकैरिज होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। वहीं गर्भावस्था के दौरान अगर आप कैफीन का सेवन कर रही हैं तो वह 200 मिलीग्राम प्रतिदिन से कम ही होना चाहिए। कैफीन के सेवन से शरीर से तरल पदार्थों की मात्रा कम होने लगती है,जिसके कारण शरीर में पानी व कैल्शियम की कमी हो जाती है। इसलिए आप गर्भावस्था में कैफीन युक्त पेय पदार्थ पीने की जगह पानी, जूस व दूध आदि का सेवन करें।
वसा की मात्रा
अगर आप एक हेल्दी प्रेग्नेंसी चाहती हैं तो आपको यह भी देखना होगा कि आपके आहार में वसा की मात्रा कितनी है। आप अपने दैनिक कैलोरी में 30 प्रतिशत या उससे कम वसा की मात्रा होनी चाहिए। मसलन, अगर आप आप प्रतिदिन 2000 कैलोरी लेती हैं, तो फैट की मात्रा 65 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मछली से दूरी
गर्भावस्था में मछली से दूरी बनाना भी काफी अच्छा रहेगा। दरअसल, मछली में मर्करी की उच्च मात्रा पाई जाती है और अगर गर्भावस्था में मर्करी का सेवन किया जाए तो इससे बच्चे के विकास पर विपरीत असर पड़ता है, साथ ही ब्रेन डैमेज होने के चांसेज भी काफी हद तक बढ़ जाते हैं। खासतौर से, कच्ची फिश तो बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए। वैसे फिश की तरह की अन्य सीफूड को भी कच्चा बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। इसमें मौजूद बैक्टीरिया आपके व बच्चे के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकते हैं।