लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ नीरज कुमार मिश्र को विज्ञान और अभियांत्रिकी अनुसंधान नई दिल्ली द्वारा लेट-स्टेज सिंथेसिस आफ हेटेरोसाइक्लिक ड्रग कैंडिडेट्स वाया एलीलेशन और एनाल्यूशन यूजिंग 4-डी ट्रांजिशन मेटल्स विषय पर परियोजना के अनुदान प्रदान किया गया।
डाॅ नीरज को डीएसटी-एसआरजी के अन्तर्गत तीन वर्ष के लिए अनुसंधान के लिए तीस लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया गया। इससे पहले दो माह पूर्व भी डाॅ नीरज को अन्य अनुसंधान के लिए तीस लाख रूपये स्वीकृत हो चुके है। कुल अब तक साठ लाख अनुदान मिल चुका है।
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक राय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों में प्रतिभा की कमी नही है। यहां के शिक्षकों को अनुसंधान के लिए डीएसटी से मिले अनुदान से विद्यार्थियों को अनुसंधान करने का सुनहरा अवसर प्राप्त होगा। डाॅ नीरज मिश्र को दूसरी बार तीस लाख का अनुदान प्राप्त हुआ है। यह शिक्षक की मेहनत का प्रतिफल है।
विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो विभूति राय, रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो अनिल मिश्र, कुलसचिव डाॅ विनोद कुमार सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो संगीता साहू, डीन एकेडमिक प्रो गीताजंलि मिश्रा सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों एवं शोद्यार्थियों ने डाॅ नीरज कुमार मिश्र को बधाई दी।