मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी से लेकर सम्पूर्ण प्रदेश में कोरोना आपदा प्रबंधन तंत्र की स्थापना पहले ही कर दी थी। इसमें शीर्ष प्रसासनिक व पुलिस अधिकारियों से लेकर जनपद व गांव तक सरकारी मशीनरी को सक्रिय किया गया था। सभी स्तर पर जिम्मेदारी व जबाबदेही का भी निर्धारण कर दिया गया थी। योगी आदित्यनाथ स्वयं इसकी सतत निगरानी कर रहे है।
इस व्यवस्था को अधिक प्रभावी व व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से लखनऊ एनेक्सी भवन में राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र का योगी ने लोकार्पण किया गया। एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र में राहत टोल फ्री नं दस सत्तर स्थापित किया गया है, जिसमें बारह वर्क स्टेशन कार्यरत हैं।
इस नियंत्रण कक्ष शुरुआत उम्मीद से अधिक सफल रही है। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में आमजन की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। यह केन्द्र राज्य स्तरीय सभी सम्बंधित विभागों के साथ जुड़कर कार्य कर रहा है। इसके माध्यम से आपदा प्रबंधन संबन्धी सूचनाएं एकीकृत रूप से प्राप्त करना संभव हुआ है। यह केन्द्र प्रदेश के समस्त डिस्ट्रिक्ट कण्ट्रोल रूम से भी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इसे प्रदेश के अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को भी जोड़ा जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने आपदा की स्थिति में कन्ट्रोल रूम को बहुत महत्वपूर्ण बताया है। इसके दृष्टिगत सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों के कन्ट्रोल रूम में एक जिम्मेदार नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर चैबीसो को घंटे इसका संचालन सुनिश्चित कराएंगे। इसके माध्यम से राहत कार्यक्रम में तेजी आएगी। आमजन तक क्वारन्टीन वाॅर्ड, इन्स्टीट्यूशनल क्वारन्टीन,आइसोलेशन वाॅर्ड, लेवल वन लेवल टू लेवल थ्री के कोविड अस्पतालों की जानकारी तथा जरूरतमंदों तक फूड पैकेट आदि पहुंचाने में कन्ट्रोल रूम का बेहतर ढंग से उपयोग किया जाएगा।
बिना किसी भेदभाव के हर जरूरतमंद तक आवश्यक सुविधाएं व शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में कन्ट्रोल रूम की बड़ी भूमिका है। न्यूनतम समय में एकीकृत कन्ट्रोल रूम के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों को जोड़ दिया गया है।
आपदा की अन्य स्थितियों में भी जरूरतमंद व्यक्तियों को त्वरित गति से सहायता पहुंचायी जा सकेगी। प्रत्येक सूचना का संकलन व सभी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री