नई दिल्ली। चुनाव आयोग Election commission ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में हुई देरी पर जवाब दिया है और अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
Election commission द्वारा तारीखों का
चुनाव आयोग Election commission द्वारा तारीखों का एलान पहले शनिवार दोपहर 12 बजे किया जाना था। लेकिन आयोग ने प्रेस कांफ्रेंस का वक्त आखिरी समय में बढ़ाकर तीन बजे कर दिया। इसे लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान रैली को ध्यान में रखते हुए प्रेस वार्ता का वक्त बढ़ाया है। लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि कुछ नेता और राजनीतिक दल हर अवसर में राजनीति तलाशते हैं।
प्रेस कांफ्रेस में देरी की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि तेलंगाना की मतदाता सूची सिस्टम में डालने में कुछ समस्या हुई है। सी-डैक के विशेषज्ञ इस समस्या का समाधान निकालने में लगे रहे। उन्होंने हैदराबाद हाई कोर्ट के उस निर्देश का भी जिक्र किया कि तेलंगाना की मतदाता सूची अंतिम प्रकाशन से पहले उसे दिखाई जाए। तमिलनाडु ने खराब मौसम की आशंका के मद्देनजर उपचुनाव देर से कराने का आग्रह किया है। इस पर भी चर्चा की गई।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को चुनाव प्रक्रिया से दूर करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले का अनुपालन करते हुए उम्मीदवारों के हलफनामे की रूपरेखा में बदलाव किया जाएगा। इसमें प्रत्येक उम्मीदवार को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी विभिन्न मीडिया माध्यमों से सार्वजनिक करने की जानकारी देनी होगी। इसके लिए आयोग ने कानून मंत्रालय को हलफनामे में बदलाव करने का सुझाव दिया है।