हाल ही में बीएस-3 गाड़ियों की बिक्री पर रोक लगने के बाद से अब बीएस-4 वाहनों की बिक्री काफी तेजी से शुरू हो गई। ऐसे में अगर आप भी बीएस-4 खरीदने जा रहे हैं तो थोड़ा सा रुक जाएं। 2020 में आने वाले बीएस-6 की वजह से पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं। ऐसे में वाहन खरीदने से पहले इसे पढ़ लें…
पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण यानी की ईपीसीए ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। उसने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ में उसने बीएस-4 और बीएस-6 के मामले को उठाया है। ईपीसीए का कहना है कि 1 अप्रैल 2020 के कटऑफ के बाद बीएस-4 के वाहनों की बिक्री को देश में रोक दिया जाए। 2020 से देश में बीएस-6 के मानदंडों के अनुरूप तैयार वाहनो की बिक्री शुरू की जाए। इतना ही नहीं बीएस-6 के लिए अप्रैल 2020 की समय सीमा विनिर्माण पर लागू होने के साथ ही बिक्री और पंजीकरण में भी लागू की जाए। ऐसे में अभी से वाहन कंपनियों को इसकी तैयारी कर लें। वे अपने यहां उसी हिसाब से प्रायोजित ढ़ंग से वाहनों का निमार्ण्ा करें। ऐसे में अदालत ने सरकार और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स से इस मामले पर जवाब मांगा है।
इसके लिए अदालत ने उन्हें तीन हफ्तों का समय दिया है। जिससे साफ है कि अगर आप बीएस-4 के वाहन लेने जा रहे हैं तो पहले सरकार और कोर्ट के फैसले को जान लें। पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण ने अपनी व्यापक योजना में बैटरी संचालित वाहनों की शुरूआत करने की भी सिफारिश कर कर रही है। पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण का कहना है कि सड़कों पर वाहनों को कम करने से भी प्रदूषण कम होगा। इसके लिए बसों की बढ़ोतरी, मेट्रो सेवाओं, बसों में आईटी सिस्टम को बढाया जाए। गौरतलब है कि हाल ही में न्यायालय ने एक आदेश पारित कर बीते 1 अप्रैल से बीएस-3 मानक वाले सभी वाहनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिससे अब बीएस-4 मानक वाले वाहनों की ब्रिक्री बढ़ रही है।