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खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नये और अच्छे अवसर मिलेंगे- केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगाने, उच्चीकृत करने व पुरानी इकाइयों को और अधिक अच्छी तरीके से संचालित करने के लिए ठोस व प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के तहत बहुत सारी सुविधाएं व सहूलियतों के अलावा अनुदान दिये जाने का प्राविधान किया गया है। उन्होंने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के जिलों व मण्डलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहित कर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित करें, लोगों को नीति की भी विधिवत जानकारी दी जाय।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने से किसान और अधिक समृद्ध होंगे। आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नये और अच्छे अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की उपज किसी भी दशा में बर्बाद न होने पाये और उनके उत्पादों का उचित मूल्य उन्हें मिले, इसलिए भी खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की प्रबल आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को इससे जोड़ा जाय और इसी उद्देश्य से स्वयं सहायता समूहों की प्रतिभाशाली दीदियों को जिला रिसोर्स परशन के रूप में चयनित किया जायेगा। कहा कि उद्यमो की स्थापना से रोजगार के साधन बढ़ेंगे।
किसानों की उपज का निर्यात भी बढ़ेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि नीति व योजनाओं के मुख्य बिंदुओं को चिन्हित कर ब्लाकों, तहसीलों व जिला स्तर पर , ग्राम पंचायतों व अन्य प्रमुख स्थलों पर वाले राइटिंग करायी जाय, यथा सम्भव होर्डिंग व बैनर आदि लगाकर प्रचार प्रसार किया जाय। ग्राम चौपालो व प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के सर्वे का कार्य चल रहा है, उनमें भी चर्चा की जाय, इससे सम्बन्धित साहित्य वितरण किया जाय। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसकी पोस्ट डालकर लोगो को योजनाओ की जानकारी दी जाय।

उप मुख्यमंत्री ने इसके लिए स्टेट‌ लेवल पर में एक काल सेन्टर स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना एवं उन्नयन के माध्यम से रोजगार सृजन, पूंजी निवेश, किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए संकल्पित है। उत्तर प्रदेश में देश में सबसे अधिक खाद्य प्रसंस्करण के उद्योग स्थापित हैं।प्रदेश में लगभग 65000 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित हैं, जिसमें लगभग 2.55 लाख व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार सृजन हुआ है।प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत 15000 से अधिक इकाईयों को अनुदान स्वीकृति प्रदान की गयी, जिसके माध्यम से 1.50 लाख से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन किया गया है। विभाग द्वारा लगभग 15000 से अधिक लाभार्थियों को मशरूम उत्पादन एवं मूल्य संवर्द्धन का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के तहत प्रदेश में लगभग धनराशि रु0 5,000 करोड़ का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया गया। स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों द्वारा भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अहम योगदान दिया जा रहा है। उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 के तहत धनराशि ₹4,000 करोड़ से अधिक का पूंजी निवेश उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है।

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वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक स्थापित 70 इकाईयों को अनुदान धनराशि ₹85.00 करोड़ उद्यमियों को अन्तरित की गयी है। नवीन उप्र खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति के अन्तर्गत उद्यमी को इकाई लगाने के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की उपलब्धियों के आधार पर प्रदेश का तीसरा स्थान है एवं गत माह परियोजना प्रस्ताव की स्वीकृति का स्ट्राइक रेट 98 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला समूहों को पीएम एफएमई योजना के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए प्रत्येक जनपद में जनपदीय रिसोर्स पर्सन (डीआरपी) का चयन किया जायेगा। प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण तथा हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों की क्षमता विकास करना है। उन्होंने कहा इस नीति को बेहतर तरीके से लागू करने व योजना का वांछित लाभ दिलाने हेतु मुख्य विकास अधिकारियों व बैंकर्स के साथ शीघ्र बैठक आयोजित की जायेगी। जिला स्तरीय/मण्डलीय अधिकारियों ने बैठक महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। उप मुख्यमंत्री ने उद्यान निदेशालय में स्थापित लैब व ट्रेनिंग संस्थान आदि का भी अवलोकन करते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने हेतु किये जा रहे अभिनव प्रयासों की जानकारी दी।

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