लखनऊ। नवाचारों, इन्क्यूबेशन, उद्यमिता और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए, लखनऊ विश्वविद्यालय ने एक पूर्ण नवाचार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण उद्यम, “नवांकुर फाउंडेशन” की स्थापना एक सेक्शन -8 कंपनी के रूप में की है। कंपनी में निदेशक मंडल के अध्यक्ष के रूप में कुलपति और उपाध्यक्ष के रूप में इनक्यूबेशन सेल के निदेशक के साथ ही कंपनी निदेशक मंडल में कुलसचिव, वित्त अधिकारी एवं इनक्यूबेशन सेल के अन्य सदस्य होंगे।
धारा 8 कंपनी वह कंपनी है जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 (अधिनियम) की धारा 8 के तहत लाइसेंस प्राप्त है (इसे पूर्व मे कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत धारा 25 कंपनी के रूप में जाना जाता था), जो अनुसंधान, सामाजिक कल्याण, नवाचारों, वाणिज्य, कला, विज्ञान, खेल, शिक्षा, और पर्यावरण की सुरक्षा इत्यादि के लिए मुख्य उद्देश्य को लेकर कार्य करेगी।
इस हेतु कंपनी के सदस्यों को कोई लाभांश नहीं दिया जाता है तथा विचारों, नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे डीएसटी, सीएसआईआर, आदि से औद्योगिक सहयोगियों से, दान और पूर्व छात्रों से प्राप्त की जा सकती है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इसके लिए प्रोफेसर अमृतांशु शुक्ला की अध्यक्षता में एक इनक्यूबेशन सेल गठित की है। सेल के अन्य सदस्यों में प्रोफेसर पुष्पेंद्र त्रिपाठी (अतिरिक्त निदेशक), डॉ सीमा मिश्रा (अतिरिक्त निदेशक), डॉ प्रतिभा बंसल, डॉ आस्था शर्मा और डॉ हिमांशु पांडे (सदस्य) शामिल हैं।
निदेशक इन्क्यूबेशन सेल प्रो. शुक्ला ने बताया कि कुलपति के कुशल मार्गदर्शन में हम जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार को इनक्यूबेशन सेल के पंजीकरण के लिए एक प्रस्ताव जमा कर रहे हैं। इस संदर्भ मे नोडल एजेंसी द्वारा आन साइट सत्यापन का कार्य हाल ही में 29 सितंबर को किया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के समर्थन से यूनिवर्सिटी इनक्यूबेशन सेल इन्क्यूबेटीज को इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री नेटवर्किंग के साथ-साथ मेंटरशिप देने में हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि यहां यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उत्तर प्रदेश देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान प्रदेश के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लखनऊ के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश में अनेक शैक्षणिक और वैज्ञानिक संगठनों होने के कारण औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बहुत अधिक अवसर हैं। इस संभावना को देखते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार यूपी स्टार्ट अप नीति के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों के इनक्यूबेशन सेल को सहायता प्रदान कर रही है।
विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेल का प्रमुख दायित्व सामाजिक लाभ के लिए विश्वविद्यालय के हितधारकों द्वारा किए गए शोध कार्यों के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने, बढ़ावा देने और बनाए रखने के लिए उद्योग के साथ जुड़ाव प्रदान करना और एक प्रभावी इंटरफेस के रूप में कार्य करना होगा। नवांकुर फाउंडेशन के माध्यम से विश्वविद्यालय इनक्यूबेशन सेल क्षेत्र के नागरिकों के सामने आने वाली कई तकनीकी-सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों को हल करने में सरकारी विभागों और अन्य एजेंसियों को भी सहयोग प्रदान करेगा।