भारत से औषधियों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष 2020—21 में 24.44 अरब डालर के बराबर रहा जो इससे एक साल पहले के 18 प्र?तिशत से भी अधिक है. वर्ष 2019—20 में 20.58 अरब डालर के बराबर था. भारत से दवाओं के निर्यात में यह उछाल ऐसे समय दिखा है जबकि वैश्विक बाजार में हल्का संकुचन रहा.
भारतीय औषधि निर्यात संवर्धन परिषद :फार्मेक्सिल: के महानिदेशक उदय भास्कर ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा मार्च,2021 में हमने अपने निर्यात में तेज उछाल देखा और यह 2.3 अरब डालर :अनंतिम आंकड़े: रहा. मार्च का निर्यात वित्त वर्ष के दौरान किसी भी माह की तुलना में सर्वाधिक है.
मार्च माह की वृद्धि दर एक साल पहले के इसी माह के की तुलना में 48.5 प्रतिशत रही. मार्च 2020 में निर्यात 1.54 अरब डालर था. बयान में भास्कर के हवाले से कहा गया है कि पिछले वर्ष मार्च में लाकडाउन लागू होने से निर्यात पर असर पड़ा था. वर्ष 2020 में वेश्विक औषधि बाजार में एक से दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी.
इसके विपरीत वर्ष के दौरान भारत से औषधियों की मांग में तेज उछाल दिखा. भारत की दवाओं की गुणवत्ता और इनके मूल्य की व्यावहारिकता के चलते इनकी मांग में तेजी रही. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत से वैक्सीन के निर्यात में अच्छी वृद्धि होने की संभावना दिख रही है.
इसी तरह भारत सरकार की उत्पादकता आधारित प्रोत्साहन योजना से औषधि क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी और निर्यात का आधार मजबूत होगा. उत्तर अमेरिका भारत की औषधियों के लिए निर्यात का सबसे बड़ा बाजार है. वर्ष के दौरान निर्यात में इस बाजार का हिस्सा 34 प्रतिशत रहा.