आरबीआई से पाबंदी झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं के लिए राहत की खबर है। अब मेडिकल इमरजेंसी में जमाकर्ता अपने खाता से 1 लाख रुपये निकाल सकते हैं। खबर के अनुसार रिजर्व बैंक ने बंबई हाई कोर्ट में दायक शपथपत्र की जानकारी दी है। आपको बता दें बैंक के घोटाले में फंसने की बाद आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर 6 महीने की पाबंदी लगा दी है।
आरबीआई के शपथ पत्र में कहा गया है कि विवाह, शिक्षा, जीवनयापन आदि जैसी दिक्कतों की स्थिति में निकासी की सीमा 50 हजार रुपये है। शपथपत्र में कहा गया कि बैंक और इसके जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए इस तरह की सीमा तय करना आवश्यक था।
रिजर्व बैंक के वकील वेंकटेश धोंड ने न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति आर.आई. चागला की पीठ को बताया कि दिक्कतों से जूझ रहे जमाकर्ता केंद्रीय बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक से मिलकर 1 लाख रुपये तक की निकासी की मांग कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने साथ ही कोर्ट को बताया कि पीएमसी बैंक में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। पीठ इस मामले पर अगली सुनवाई 4 दिसंबर को करेगी।
आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन और गड़बड़ी को लेकर पीएमसी बैंक पर 6 महीने के लिएपाबंदी लगा दी है। इसी के साथ बैंक के ग्राहकों के कैश निकालने की लिमिट भी तय कर दी गई है। शुरुआती दिनों में बैंक के ग्राहकों के लिए यह लिमिट सिर्फ 1 हजार रुपये थी। हालांकि बाद में आरबीआई ने इस लिमिट को कई बार बढ़ाया है। पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट पर आरोप है कि नियमों को ताख पर रखकर हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लोन दिया गया। बैंक ने यह कर्ज HDIL को ऐसे समय में दिया जब यह कंपनी दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही थी।
बता दें कि वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर छह महीने के लिये नियामकीय रोक लगा दी थी। RBI की पड़ताल में ये बात सामने आई है कि PMC bank ने 6,226 करोड़ रुपए HDIL को दिये थे। जिसमें से 439 करोड़ रुपए की ही जानकारी RBI को दी थी बाकी छुपा लिया था। फिलहाल पूरे मामले की जांच जारी है।