गाय के प्रति आदि काल से ही भारत की आस्था रही है। हमारे ऋषियों ने गाय की महिमा को पहचाना था। आयुर्वेद में भी गौ दुग्ध, मूत्र व गोबर के औषधीय महत्व का उल्लेख है। कृषि, जैविक कृषि के दृष्टिगत भी गोवंश की उपयोगिता अमूल्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय परंपरा के अनुरूप गौ सेवा व संरक्षण पर अमल कर रहे है।
पिछले तीन वर्षों में इसके दृष्टिगत अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए है। योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार ने कुपोषित बच्चों के परिवारों के लिए एक विशेष योजना लागू की है, जिसके माध्यम से ऐसे परिवारों को गो-आश्रय स्थल से दुधारू गाय दी जा रही है। यह योजना समाज व राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की प्रक्रिया का एक अंग है। बच्चे का स्वस्थ बनाना परिवार के साथ-साथ समाज व राष्ट्र की भी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे स्वस्थ होंगे,तब समाज व राष्ट्र भी स्वस्थ एवं मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री गोपाष्टमी के अवसर पर जनपद मीरजापुर के टांडा फाॅल स्थित गो-आश्रय स्थल में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने ग्यारह कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को निराश्रित गो-आश्रय स्थल से एक-एक गाय प्रदान की। मुख्यमंत्री ने गोपाष्टमी के अवसर पर यहां गो-पूजन किया तथा लोगों को इस पावन अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने माँ विंध्यवासिनी को नमन कर अपने सम्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि सड़कों व खेतों पर विचरण करने वाली निराश्रित गायों को संरक्षण प्रदान करने के लिए गो-आश्रय स्थल पर उनकी देखभाल की व्यवस्था की गयी है। गो-आश्रय स्थल से गाय प्राप्त कर उसकी देखभाल करने के इच्छुक किसानों व पशुपालकों को प्रदान करने की योजना लागू की गयी है।
गाय के पालन के लिए नौ रुपये प्रति माह प्रदान करने की व्यवस्था भी की गयी है। अब तक पैसठ हजार किसानों तथा गोपालकों को गाय उपलब्ध करायी जा चुकी है। बड़ी संख्या में कुपोषित परिवारों को दुधारू गाय प्रदान की गयी है। गोपाष्टमी का पर्व हम सभी को गोमाता की सेवा करने की प्रेरणा देता है।